मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने मॉडल और निर्माताओं की अनुमोदित सूची- ए.एल.एम.एम के अंतर्गत सूचीबद्ध सौ गीगावाट सौर पीवी मॉड्यूल निर्माण क्षमता में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। यह वर्ष 2014 में केवल दो दशमलव तीन गीगावाट थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी सराहना करते हुए इसे आत्मनिर्भरता की दिशा में उपलब्धि बताया। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विनिर्माण क्षमताओं और स्वच्छ ऊर्जा को लोकप्रिय बनाने में भारत की सफलता को दर्शाता है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस उपलब्धि पर केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि उनका मंत्रालय एक मजबूत, आत्मनिर्भर सौर विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रहा है। केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि यह उपलब्धि भारत के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण और वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म क्षमता के लक्ष्य की ओर देश के मजबूती के साथ आगे बढ़ने के मार्ग को प्रशस्त करता है। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने 2019 में ए.एल.एम.एम. आदेश पेश किया था। इसकी पहली सूची में आठ दशमलव दो गीगावाट क्षमता को सूचीबद्ध किया गया था। केवल चार वर्षों में, यह क्षमता बारह गुना से भी अधिक बढ़कर 100 गीगावाट हो गई है।
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