मध्यप्रदेश को बना रहे हैं देश का नया फूड बॉस्केट : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

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मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि बीते 20 सालों में मध्यप्रदेश का परिदृश्य बड़ी तेजी से बदला है। हम मध्यप्रदेश को देश का ‘मॉडल स्टेट’ बनाने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। हमारी सरकार मध्यप्रदेश को देश का ‘न्यू फूड बॉस्केट’ बनाने के लिए तेजी से प्रयत्नशील हैं। हमारे अन्नदाता किसानों की मेहनत से प्रदेश के अनाज भंडार अन्न से भरे पड़े हैं। मध्यप्रदेश वह प्रदेश है, जहां तेजी से जिलों में मैडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। हमारी सरकार पीपीपी मॉडल पर मैडिकल कॉलेज खोलने के लिए निवेशकों को मात्र एक रूपए में 25 एकड़ जमीन और 10 साल के लिए अपना जिला-संभागीय अस्पताल भी देने को तैयार है। निवेशक मेडिकल कॉलेज के लिए जब अपना खुद का अस्पताल तैयार कर लेंगे, तब 10 साल बाद हम अपना जिला चिकित्सालय उनसे वापस ले लेंगे। यह निवेशकों को सरकार की ओर से दोहरी मदद है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को नई दिल्ली में एक निजी मीडिया समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना का शुभारंभ मध्यप्रदेश से हुआ। करीब एक लाख करोड़ रूपए की केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना से बुंदेलखंड के सारे जिले और लगभग 70 हजार करोड़ रूपए लागत की पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना से मालवा और चंबल के सभी जिलों में सिंचाई और पेयजल की स्थाई सुविधा उपलब्ध कराएंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हम आगे बढ़ रहे हैं। सिंहस्थ-2028 की तैयारी पूरे जोर-शोर से जारी है। श्रीमहाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन की तस्वीर ही बदल गई है। उज्जैन शहर की आबादी फिलहाल 7 लाख है, पर अब देश-विदेश से हर साल 7 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालु श्रीमहाकाल बाबा और श्रीमहाकाल लोक के दर्शन के लिए उज्जैन आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि श्री महाकाल लोक बनने के बाद उज्जैन शहर में ही 200 से अधिक होटल खुल गये हैं, इससे शहर और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिली है। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए एक हजार एकड़ जमीन भी पूरी उपयोग में आ गई, इसलिए अब हम एक हजार एकड़ जमीन का लैण्ड बैंक पुन: आरक्षित कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एयर कनेक्टिविटी पर हमारा पूरा फोकस है। हम मध्यप्रदेश में नई एविएशन पॉलिसी लेकर आए हैं। इस पॉलिसी के अंतर्गत हमारे खुद के प्लेन प्रदेश में शुरू करने के लिए इंसेंटिव भी दिए जा रहे हैं। गंभीर रोग के इलाज के लिए बड़े शहर जाने की आवश्यकता पड़ने पर हम समर्थ को सशुल्क और आयुष्मान कार्डधारियों को नि:शुल्क एयर एम्बुलेंस उपलब्ध करा रहे हैं। इनके लिए हमारी हेलीकॉप्टर सेवा भी जारी है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करना चाहते हैं। मानवता के विकास के लिए सड़क हादसे के घायलों की सहायता के लिए राहवीर योजना के तहत मददगार व्यक्ति को 25 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार मध्यप्रदेश में शहरीकरण को बढ़ावा दे रही है। इंदौर मेट्रो की शुरूआत के बाद भोपाल मेट्रो पर काम तेजी से चल रहा है। इसके बाद हम जबलपुर और ग्वालियर शहर में भी मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए आगे बढ़ेंगे। इंदौर और भोपाल में मेट्रोपोलिटन सिटी एरिया बनाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिए हमारी सरकार निवेशकों को तरह-तरह के इंसेंटिव दे रही है। यही कारण है कि फरवरी 2025 में भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में मध्यप्रदेश सरकार को 30.77 लाख करोड़ रूपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि हम हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। उज्जैन में इलेक्ट्रानिक्स क्लस्टर भी तैयार किया जा रहा है। प्रदेश में नए उद्योगों की स्थापना पर हमारा पूरा फोकस है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की वित्तीय स्थिति मजबूत है। इसे और मजबूत करने के लिए बजट को डबल करने की योजना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। श्रम कानूनों में सुधार किया गया है। देश में सर्वाधिक तीव्र गति से खर्च करने में राज्य देश के तीन राज्यों में से एक है। देश को आत्मनिर्भर बनाने में मध्यप्रदेश अपना योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में देश में नई शिक्षा नीति लागू करने में मध्यप्रदेश प्रथम रहा है। हमने टूरिज्म में अवॉर्ड जीते और शासकीय संस्थाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में सबसे अधिक सस्ती बिजली म.प्र. द्वारा प्रदान की जा रही है। वर्ष 2003 से बाद राज्य ने अपनी विशेष पहचान स्थापित की है। देश में सर्वाधिक सिंचित भूमि राज्य में है। हम प्रदेश में उत्पादित अनाज की फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की ओर भी आगे बढ़ रहे है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का हृदय प्रदेश है। मध्यप्रदेश नदियों का मायका भी है। यहां से 247 से अधिक नदियां निकलती हैं। प्रदेश में जंगल, पर्यटन, खनिज और धार्मिक पर्यटन की अपार क्षमताएं हैं। राज्य सरकार अब हैल्थ टूरिज्म पर भी कार्य कर रही है। राज्य ने 66 हजार करोड़ का निर्यात किया है, मध्यप्रदेश की ग्रोथ 6 प्रतिशत रही है। ये हमारी क्षमता का प्रमाण है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल में पहली बार इसी साल फरवरी में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की गई। लेकिन सरकार बनने के बाद हमने प्रदेश के विभिन्न शहरों में क्षेत्र की क्षमताओं के अनुरूप रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की। प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से उद्योग घरानों को जोड़ा जा रहा है। राज्य में खनिज के भंडार हैं। उद्योग स्थापित करने के लिए पर्याप्त लैंड बैंक उपलब्ध है। प्रदेश में पानी पर्याप्त है। मध्यप्रदेश के पास बिजली क्षमता सरप्लस है। पहले उद्योग शुरू करने के लिए 29 प्रकार की अनुमतियां लेनी पड़ती थीं, अब उन्हें घटाकर 10 कर दिया गया है। निवेशकों को उद्योग प्रोस्साहन का लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश में रोजगार आधारित उद्योग लगाने पर प्रति श्रमिक 5000 हजार की सहायता 10 साल के लिए दी जा रही है। भारी उद्योग और एमएसएमई को भी प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योग केन्द्रित 18 नई नीतियां लागू की हैं। इसके अंतर्गत अलग-अलग कमेटी गठित की गई हैं। उद्योगपतियों के प्रस्तावों की गंभीरता को देखते हुए उन्हें बिजली, पानी और भूमि आवंटन में छूट देते हैं। प्रदेश सरकार ने एक साल में 285 उद्योगों को भूमि आवंटन की है। मैट्रो कोच निर्माण फैक्ट्री के लिए बीईएमएल को लैंड आवंटित करने के बाद उसका भूमिपूजन भी हो गया है। सभी सेक्टर्स में सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से सरलीकृत व्यवस्था लागू है। उद्योगपरक कार्यों को अमलीजामा पहनाने के लिए हमें सिर्फ 15 महीने मिले। इसमें से तीन महीने सरकार ने उद्योगों को बढ़ाने के लिए कार्य किया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने इस वर्ष 4 लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश किया है और इसे 5 साल में दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। हर साल बजट को लगभग 15 प्रतिशत की दर से बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के आधार पर लाड़ली बहना योजना को राशि दी जा रही है। अगर लाड़ली बहन रोजगार परक उद्योग में कार्य करती है तो उसे 1500 रुपए की मासिक सहायता के साथ वेतन में 5000 रुपए प्रोत्साहन अलग से प्रदान किया जा रहा है। सरकार ने श्रम कानून में जरूरी बदलाव किए हैं। बहनें भी अब नाइट शिफ्ट में काम कर सकती हैं। काम के घंटे और छुट्टियों में संशोधन किए गए हैं। वित्तीय व्यवस्था के लिए राज्य को 3 प्रतिशत की लिमिट मिली है और इसी सीमा के अंदर सारे काम किए जा रहे हैं। यह हमारी स्वयं की पूंजीगत व्यय की क्षमता है। वर्तमान में देश में सिर्फ 3 राज्य- मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश हैं, जिनकी ग्रोथ तेज गति से हुई है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा है कि हमारा देश स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग की राह पर चलते हुए आत्मनिर्भर बने। मध्यप्रदेश केन्द्र सरकार के साथ पूरी ताकत से सहयोगी बन रहा है। हम गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करेंगे। मध्यप्रदेश में उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए देश में सबसे पहले नई शिक्षा नीति लागू की। पर्यटन कॉरपोरेशन और अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी का चेयरमैन रहते हुए विकास कार्यों को आगे बढ़ाया और न्यूनतम खर्च में अधिकतम कार्य करके दिखाया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में बिजली सरप्लस है। दिल्ली की मैट्रो हमारी बिजली से भी चलती है। राज्य सरकार मेहनत कर रही है। सभी सैक्टर्स में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश की ग्रोथ पहले थोड़ी चुनौतीपूर्ण रही है पर अब हम तेजी से आग्र बढ़ रहे है। वित्त वर्ष 2002-03 के बाद मध्यप्रदेश ने अपनी नई पहचान बनाई है। अब हम सभी सैक्टर्स में कई गुना आगे बढ़ रहे हैं। देश के 10 अग्रणी राज्यों में मध्यप्रदेश शामिल हो चुका है। मध्यप्रदेश के पास सबसे अधिक सिंचित क्षेत्र है।

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News & Image Source: mpinfo.org

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