मध्यप्रदेश में कौशल विकास को मिली नई दिशा और भविष्य की राह

0
18
Image Source: Social Media

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कल मध्यप्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर और रोजगारोन्मुख बनाने के सपने को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कौशल विकास के क्षेत्र में नई क्रांति लाई है। उनके नेतृत्व में प्रदेश ने बीते वर्ष कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में कई नई ऊंचाइयां छुई हैं। यह केवल योजनाओं का विस्तार नहीं, बल्कि हर युवा को रोजगार और आत्मनिर्भरता की राह पर ले जाने का अभियान है।

हर कोने में कौशल की रौशनी

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में प्रदेश के उन 22 विकासखंडों में आईटीआई की स्थापना हुई, जहां पहले कोई सुविधा नहीं थी। इससे न केवल प्रदेश के युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण मिला, बल्कि उनके रोजगार के अवसर भी बढ़े। अब प्रदेश में शासकीय आईटीआई की संख्या 290 हो गई है, जो मुख्यमंत्री की शिक्षा और रोजगार के प्रति दूरदर्शिता को दर्शाता है।

आधुनिक पाठ्यक्रम: मुख्यमंत्री की सोच का प्रतिफल

बदलते समय और बाजार की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने इलेक्ट्रिक व्हीकल मैकेनिक, सोलर टेक्नीशियन और फूड प्रोडक्शन जैसे नए पाठ्यक्रमों की शुरुआत की। यह पाठ्यक्रम युवाओं को भविष्य की तकनीकों में दक्ष बना रहे हैं और उन्हें उद्योगों में सीधा प्रवेश दिला रहे हैं।

ग्रीन स्किलिंग में नई क्रांति

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की पर्यावरण-अनुकूल दृष्टि के तहत देवास, धार और छिंदवाड़ा की आईटीआई को ग्रीन स्किलिंग सेंटर के रूप में विकसित किया गया। यहां युवा सोलर टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रशिक्षण ले रहे हैं। डॉ. यादव ने यह सुनिश्चित किया कि कौशल विकास पर्यावरण संरक्षण के साथ रोजगार भी प्रदान करे।

“सीखो-कमाओ” योजना

मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना राज्य सरकार के उस विजन का प्रतीक है, जिसमें हर युवा को रोजगार के साथ व्यावसायिक अनुभव देने की योजना है। इस वर्ष 24 हजार से अधिक प्रतिष्ठानों ने योजना में भाग लिया और 22 हजार से अधिक युवाओं ने इसमें प्रशिक्षण प्राप्त किया। यह योजना युवाओं को न केवल आय का स्रोत प्रदान कर रही है, बल्कि उन्हें उद्योग के लिए तैयार भी कर रही है।

तकनीकी शिक्षा में मुख्यमंत्री का नवाचार

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आईआईटी दिल्ली के सहयोग से प्रदेश में 4 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए हैं। इन केंद्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन और वर्चुअल रियलिटी जैसे उन्नत कोर्स पढ़ाए जा रहे हैं। यह पहल प्रदेश के युवाओं को भविष्य की तकनीकों से जोड़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

महिलाओं को मिली नई ताकत

महिलाओं को STEM और सॉफ्ट स्किल्स में दक्ष बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने यूएन-वूमन के साथ साझेदारी की। जनजातीय बहुल जिलों में इस पहल के माध्यम से महिलाएं न केवल रोजगार के नए आयाम खोज रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता की मिसाल बन रही हैं।

सम्मान और प्रेरणा का दौर

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयासों का ही परिणाम है कि भोपाल संभागीय आईटीआई के दो प्रशिक्षण अधिकारियों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही शुभंकर “दक्ष” और “हुनर” के निर्माण ने युवाओं में नई प्रेरणा का संचार किया।

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की नींव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का यह मानना है कि हर युवा में असीम संभावनाएं हैं, जिन्हें सही दिशा, संसाधन और अवसर देकर साकार किया जा सकता है। उनके नेतृत्व में प्रदेश ने कौशल विकास को केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे रोजगार और आत्मनिर्भरता की राह का आधार बनाया।

ओडीओपी की सफलता

मध्यप्रदेश में ‘एक जिला-एक उत्पाद’ योजना के तहत हर जिले में एक प्रमुख उत्पाद को बढ़ावा दिया गया है, जिससे राज्य के छोटे और मंझले उद्यमियों को विशेष अवसर मिले हैं। इस योजना से विभिन्न जिलों में स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहचान मिली है। यह न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है, बल्कि लाखों युवाओं को स्व-रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रहा है।

मध्यप्रदेश सरकार ने कौशल विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में एक साल में अभूतपूर्व कदम उठाए हैं, जिससे राज्य के युवाओं के लिए नए अवसर पैदा हुए हैं। 5 दिसंबर 2024 को शासकीय संत शिरोमणि रविदास ग्लोबल स्किल्स पार्क (एसएसआर-जीएसपी) ने आईआईटी दिल्ली और आईआईटी रोपड़ के साथ एक ऐतिहासिक एमओयू साइन किया, जिसके बाद जीएसपी में अध्ययन कर रहे छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रशिक्षण और प्लेसमेंट के अवसर मिलेंगे। इसके अलावा जीएसपी फैकल्टी की 18 सदस्यीय टीम ने सिंगापुर के आईटीईईएस में प्रशिक्षण लिया, जिससे तकनीकी शिक्षा के वैश्विक मानकों को राज्य में लागू किया जाएगा।

युवा संगम महा-अभियान के तहत, एक “प्रचार रथ” प्रदेश के विभिन्न जिलों में यात्रा करेगा, जो युवाओं को स्व-रोजगार, रोजगार और कौशल विकास योजनाओं के बारे में जानकारी देगा। इस अभियान से कौशल विकास के महत्व को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।

रोजगार मेलों का नया अध्याय

रोजगार संचालनालय द्वारा पिछले एक वर्ष में प्रदेश भर में 540 जॉब फेयर का आयोजन किया गया, जिसमें 61 हजार 114 आवेदकों को रोजगार ऑफर लेटर प्राप्त हुआ। इसके अलावा कॅरियर कॉउंसलिंग योजनान्तर्गत 701 कॅरियर कॉउन्सलिंग सत्र आयोजित किए गए, जिससे 33 हजार 840 युवाओं को मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

प्रदेश के प्रत्येक जिला मुख्यालय पर नवंबर 2024 से युवा संगम कार्यक्रम के तहत रोजगार मेला, अप्रेन्टिसशिप मेला और स्व-रोजगार मेला का संयुक्त रूप से आयोजन किया जा रहा है। इन मेलों के माध्यम से युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर, प्रशिक्षण और स्वरोजगार के अवसर मिल रहे हैं, जो राज्य के युवाओं के लिए स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहे हैं।

आगामी वर्षों में प्रत्येक माह प्रत्येक जिला मुख्यालय पर एक युवा संगम कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें रोजगार, स्वरोजगार और अप्रेन्टिस मेले एक साथ आयोजित होंगे। यह पहल युवाओं को उनके कौशल के अनुसार रोजगार दिलाने के साथ-साथ उन्हें स्व-रोजगार की दिशा में भी मार्गदर्शन करेगी।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

News  Source: mpinfo.org

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here