मप्र के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि सफलता के लिए भय मुक्त प्रयास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए नियमित और निरंतर प्रयास आवश्यक हैं। किसी एक परीक्षा की असफलता से प्रगति का रास्ता बंद नहीं होता है। उन्होंने पालकों और शिक्षकों से आहवान किया कि बच्चों का परीक्षा प्रबंधन में सहयोग करें। दबाव बनाए बिना प्रेरणा और प्रोत्साहन के द्वारा नियमित अध्ययन की आदत डालें।
राज्यपाल पटेल आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के राज्य स्तरीय संवेदीकरण सह-उन्मुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल पटेल ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पुस्तक एग्जाम वॉरियर का वितरण किया। दिव्यांग बच्चों के पास जाकर उन्हें पुस्तक भेंट की। उन्होंने कार्यक्रम के रिसोर्स पर्सन मूलचंद मेडिसिटी के चिकित्सक डॉ. जितेंद्र नागपाल, भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुजाता सत्पथी को सम्मानित किया।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि परीक्षा के तनाव प्रबंधन में पालकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। परीक्षा परिणामों के लिए बच्चों को भयभीत करना उचित नहीं है। ऐसा करने से बच्चों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनता है। बच्चों की शिक्षा-दीक्षा का सारा भार शिक्षकों पर डालना भी अनुचित है। उन्होंने कहा कि किसी तरह की कमजोरी हौसलों के सामने बाधा नहीं बन सकती। प्रधानमंत्री मोदी की परीक्षा पे चर्चा पहल को अभूतपूर्व प्रयास बताते हुए बच्चों को एग्जाम वॉरियर पढ़ने और स्वामी विवेकानंद की शिक्षा के अनुरूप लक्ष्य प्राप्ति तक निरंतर प्रयास करने के लिए प्रेरित किया। बच्चों के परीक्षा और परिणाम से संबंधित चिंता और तनाव प्रबंधन में सहयोगी उपयुक्त वातावरण निर्माण के लिए आयोग के कार्यों की सराहना की। देवी अहिल्याबाई होल्कर के जन्म जयंती पर उनका स्मरण किया। बच्चों को शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से प्रेरणा लेने के लिए कहा।
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