महाकुंभ समाप्त होने के बाद भी प्रयागराज पहुंच रहे श्रद्धालु

0
7

प्रयागराज: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ-2025 का बुधवार को समापन हो गया, लेकिन बावजूद इसके बड़ी संख्या में तीर्थयात्री संगम तट पर उमड़े. जिनमें से कई ऐसे भी थे जो 45 दिनों तक चलने वाले इस भव्य आयोजन के दौरान पवित्र स्नान करने से चूक गए थे.

चूंकि, प्रयागराज में यातायात प्रतिबंधों में ढील दी गई है, इसलिए कुंभ मेला क्षेत्र के पास के मैदान अब विभिन्न राज्यों से आई कारों और अन्य वाहनों के पार्किंग स्थल बन गए हैं. कई लोग सीधे गंगा घाटों की ओर जा रहे हैं. हालांकि, कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है, लेकिन शुक्रवार सुबह से ही हजारों लोग त्रिवेणी संगम पर उमड़ पड़े हैं और सुबह तक स्नान अनुष्ठान कर रहे हैं.

सुबह पांच बजे तक घाटों पर लोगों की ऊर्जा और उत्साह अभी भी बरकरार था, जिनमें से बिहार, महाराष्ट्र, तमिलनाडु के अलावा प्रयागराज के कई स्थानीय निवासी भी आए थे.

महाकुंभ मेले में न आ पाने वाले कई तीर्थयात्री संगम पर आए हैं और संगम पर पवित्र स्नान करने से पहले और बाद में उनकी भावनाएं उसी उत्साह को दर्शाती हैं, जैसा कि मेला अवधि के दौरान स्नान करने वालों ने दिखाया था. अधिकांश तीर्थयात्री संगम के सिरे पर संगम नोज पर उमड़ रहे हैं, जबकि इसके पास के घाट भी तीर्थयात्रियों से भरे हुए हैं.

इनमें से एक चेन्नई निवासी आशीष कुमार सिंह भी थे, जो तमिलनाडु की राजधानी से आए थे. उन्होंने बताया कि वे गुरुवार रात करीब 11.30 बजे पवित्र स्नान करने के लिए संगम स्थल के पास पहुंचे थे.

उन्होंने न्यूज एजेंसी से कहा, “मैं रात करीब 11.45 बजे स्नान करने की योजना बना रहा था, लेकिन उसी समय आग लगने की घटना घट गई, इसलिए मैं नंदी द्वार पार करते समय दमकल गाड़ियों के पीछे-पीछे चला गया. लेकिन, मैं आखिरकार सुबह करीब 3 बजे वहां पहुंच गया. यह एक अद्भुत अनुभव था.”

कक्षा 11 के छात्र आशीष कुमार सिंह ने बताया कि उनका जन्म बिहार में हुआ, लेकिन वे चेन्नई में पले-बढ़े हैं और हिंदी, भोजपुरी, अंग्रेजी और तमिल भाषाएं समान रूप से बोलते हैं. संगम नोज पर उनके बगल में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से आए परिवार के सदस्यों के एक समूह ने भी पवित्र स्नान किया.

बता दें कि 12 साल में एक बार होने वाला यह धार्मिक आयोजन 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) को शुरू हुआ और नागा साधुओं के भव्य जुलूस और तीन ‘अमृत स्नान’ हुए. बुधवार यानि 26 फरवरी को को महाशिवरात्रि पर अंतिम शुभ ‘स्नान’ के साथ इसका समापन हुआ. महाकुंभ मेले के दौरान 66 करोड़ से अधिक लोगों ने त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाई.

हालांकि, महाकुंभ के समापन के बाद भी लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ है. गंगा जल ले जाने के लिए पानी के बर्तन बेचने वाले केदारनाथ भी संगम नोज क्षेत्र में मौजूद थे और आधी रात से भोर तक अपना सामान बेचते रहे. उन्होंने कहा कि कुंभ मेला खत्म हो गया है, लेकिन धार्मिक उत्साह अभी भी वैसा ही है, एक दिन बाद भी लोग संगम पर उमड़ रहे हैं. यह वैसा ही रहेगा, क्योंकि प्रयागराज गैर-मेला दिनों में भी तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है. जैसे-जैसे भोर हुई, पवित्र स्नान के लिए संगम स्थल पर आने वाले लोगों की संख्या हर गुजरते घंटे के साथ कम होती गई.

सुरक्षा पहले की तरह: संगम पर सुरक्षा व्यवस्था पहले की ही तरह है. श्रद्धालु आराम से स्नान कर रहे हैं. स्वच्छता कर्मी साफ-सफाई में लगे दिखे. पुलिसकर्मी श्रद्धालुओं को संगम नोज पर बाइक और कार न ले जाने के लिए माइक से अनाउंस कर रहे हैं. आगाह भी कर रहे हैं. संगम नोज पर काफी संख्या में बाइक और कार पहुंच चुकी हैं.

जारी रहेंगी संगम नोज पर सभी सुविधाएं: महाकुंभ का 26 फरवरी को समापन हो चुका है. 13 जनवरी से लेकर के 26 फरवरी तक महाकुंभ रहा है, जिसमें 66 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया है. आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कुंभ नगर में मौजूद हैं और उन्होंने महाकुंभ के समापन की औपचारिक घोषणा कर दी है. हालांकि, मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि श्रद्धालुओं के लिए जो सुविधाएं हैं, उन्हें अभी संगम क्षेत्र में बहाल रखा जाए. टॉयलेट, प्रकाश व्यवस्था, वह सब अभी संगम क्षेत्र में रहेगी. इसके साथ ही साथ जो सेक्टर 1 से लेकर के चार तक में प्रदर्शनियां हैं, पंडाल हैं, वह सब अभी बने रहेंगे .

13 अखाड़ों के पंडाल और कल्पवासियों के शिविर भी उजड़े : 13 जनवरी से लेकर के 26 फरवरी तक महाकुंभ नगर के आकर्षण का केंद्र बने अखाड़े अब पूरी तरह से उजड़ चुके हैं. उनके जो शिविर हैं, वह सब भी खाली कर दिए गए हैं. महाशिवरात्रि तक कुछ नागा संन्यासी जूना अखाड़े में धूनी रमाए थे, वह जरूर देखे गए थे, लेकिन अब वह भी वाराणसी की तरफ निकल गए हैं. जो सभी प्रमुख 13 अखाड़े हैं, वह पहले ही वाराणसी कूच कर गए हैं और होली तक वाराणसी में रहेंगे. कल्पवासियों के शिविर अब पूरी तरह से उजड़ चुके हैं.

गैर जनपदों से आए प्रशासनिक अफसर भी रिलीव किए जा रहे : महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को हुई भगदड़ के बाद प्रदेश में अच्छी छवि के अफसरों को बुलाया गया था. पीपीएस, आईपीएस और आईएएस स्तर के इन अधिकारियों को विभिन्न जिम्मेदारियां दी गई थीं. अब महाकुंभ की औपचारिक समापन के बाद इन्हें उनके संबंधित जिलों और जिम्मेदारियां के लिए रिलीव किया जा रहा है. कुंभ नगर से अब तक 34 एसडीएम स्तर के अधिकारियों को रिलीव किया गया है. आईएएस और आईपीएस स्तर के अधिकारियों को अभी कुछ दिन बाद रिलीव किया जाएगा.

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

News & Image Source: khabarmasala

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here