शिवसेना के बाग़ी नेता एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र में MVA सरकार के शिवसेना के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के सामने शर्त रखते हुए कहा है कि – वे पार्टी और शिवसैनिकों के हित में MVA से बाहर निकले। शिंदे ने उद्धव से यह भी कहा है कि वे शरद पावर और कांग्रेस से भी बाहर निकले। शिंदे ने साफ़ कहा है कि शिवसेना का NCP और कांग्रेस से गठबंधन कतई मंज़ूर नहीं है। उन्होंने कहा है कि पिछले ढाई वर्षों में, MVA सरकार ने केवल घटक दलों को फायदा पहुंचाया और शिवसैनिकों को भारी नुकसान हुआ और पार्टी एवं शिवसैनिकों के अस्तित्व के लिए MVA से बाहर निकलना जरूरी है।
शिंदे ने आगे कहा कि MVA सरकार में शिवसेना कमजोर हुई है जबकि बाक़ी पार्टियों को फ़ायदा पहुँचा है। शिंदे का कहना है कि अब महाराष्ट्र के हित में फ़ैसले लेने का समय आ गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र में जो राजनीतिक बवंडर आया है उसका कारण एकनाथ शिंदे गुट का उद्धव ठाकरे से अलग हो जाना है। शिंदे गुट का मानना है कि उद्धव ठाकरे सरकार ने शिवसेना के मूल सिद्धांतों से हटकर कार्य किए हैं जिससे पार्टी को नुक़सान हुआ है। इस गुट का मानना है कि सत्ता के लिए हिंदुत्व से दूरी बनाई और पालघर की घटना पर समयोचित कार्यवाही नहीं की गई।
इससे पहले उद्धव ठाकरे ने कल देर शाम को कहा था कि सभी आकर बात करें और कहे तो मैं त्यागपत्र दे दूँगा।