मुंबई नाव हादसे में एक और शव बरामद, मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हुई; जांच के लिए समिति का गठन

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मुंबई नाव दुर्घटना: भारतीय नौसेना ने दो लापता व्यक्तियों की तलाश के लिए बचाव अभियान चलाया
Image Source : ANI

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नौसेना की नाव और यात्री नाव ‘नील कमल’ के बीच हुए टकराव के बाद लापता दो यात्रियों में से एक का शव बरामद हुआ है। इस हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई है। पुलिस ने बताया कि 43 वर्षीय इस व्यक्ति का शव नौका के पास से बरामद किया गया। पुलिस के अनुसार, अब भी एक सात वर्षीय बच्चे की तलाश जारी है। उसकी खोज के लिए नौसेना और कोस्ट गार्ड की टीमों ने हेलीकॉप्टर और नौकाओं का इस्तेमाल किया है। आठ नौकाओं के साथ सर्च और रेस्क्यू (एसएआर) ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हादसे में दोनों जहाजों पर सवार 113 लोगों में से 14 की मौत हो गई, जबकि 98 को बचा लिया गया। इनमें दो घायल हैं। नौसेना की नाव पर सवार छह लोगों में से केवल दो ही बच सके। यह दुर्घटना तब हुई जब इंजन ट्रायल पर निकली तेज रफ्तार नौसेना की नाव नियंत्रण खो बैठी और ‘नील कमल’ नामक यात्री नौका से टकरा गई। यह नौका गेटवे ऑफ इंडिया से एलीफेंटा द्वीप जा रही थी, जो एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने विधानसभा में बताया कि हादसे में घायल तीन लोगों में एक चार वर्षीय बच्ची और आठ महीने की गर्भवती महिला शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बच्ची और गर्भवती महिला की हालत स्थिर है, जबकि नौसेना का एक कर्मी गंभीर स्थिति में है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नौसेना ने हादसे की जांच के लिए ‘बोर्ड ऑफ इंक्वायरी’ का गठन किया है। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। पुलिस जांच में पता चला है कि ‘नील कमल’ में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे। महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड (एमएमबी) के दस्तावेजों के अनुसार, नौका में 84 यात्रियों और 6 क्रू सदस्यों की अनुमति थी, लेकिन उस पर 100 से अधिक लोग सवार थे। नौसेना की नाव के चालक के खिलाफ कोलाबा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत लापरवाही से मौत, अन्य लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालने, और गलत तरीके से जहाज चलाने के आरोप शामिल हैं। हादसे के समय ‘नील कमल’ पर दो जर्मन और एक कनाडाई नागरिक भी सवार थे, जिन्हें सुरक्षित बचा लिया गया। घटना के बाद गेटवे ऑफ इंडिया से जाने वाली सभी नावों में यात्रियों के लिए लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि, कुछ पर्यटकों ने कहा कि लाइफ जैकेट का उपयोग तब ही प्रभावी होगा जब लोगों को इसे सही तरीके से इस्तेमाल करना सिखाया जाएगा। बोट मालिक समीरा बामने ने कहा कि यात्री लाइफ जैकेट पहनने से अक्सर मना कर देते हैं, लेकिन वही लोग विदेशों में बिना शिकायत इसे पहनते हैं। सरकार ने घटना की प्राथमिक रिपोर्ट मांगी है, जबकि महाराष्ट्र मेरीटाइम बोर्ड ने ‘नील कमल’ के मालिक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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