मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला पर दबाव को और तेज करते हुए मंगलवार को सभी सैंक्शन वाले तेल टैंकरों की आने-जाने पर पूरी तरह नाकाबंदी का आदेश दिया। यह कदम निकोलस मादुरो की सरकार के खिलाफ अब तक का सबसे कड़ा फैसला है, जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ यानी तेल निर्यात को सीधे निशाना बनाता है। ट्रंप ने इसे दक्षिण अमेरिका में अब तक की सबसे बड़ी नौसेना तैनाती का हिस्सा बताया और चेतावनी दी कि दबाव और भी बढ़ेगा। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर पोस्ट में लिखा कि वे सभी सैंक्शन वाले तेल टैंकरों की वेनेजुएला में एंट्री और एग्जिट पर पूरी नाकाबंदी लगा रहे हैं। उन्होंने मादुरो सरकार पर तेल की कमाई से ड्रग तस्करी, मानव तस्करी, हत्या और अपहरण जैसे कामों को फंडिंग करने का आरोप लगाया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ट्रंप ने कहा कि वेनेजुएला अब दक्षिण अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़ी नौसेना घेरे में है। यह घेरा और बड़ा होगा और मादुरो सरकार पर दबाव पहले कभी नहीं देखे गए स्तर तक पहुंचेगा। राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी कहा कि मादुरो सरकार ने अमेरिकी संपत्तियों जैसे तेल, जमीन और अन्य संसाधनों को चुराया है, जिन्हें तुरंत वापस किया जाना चाहिए। उन्होंने अवैध प्रवासियों से भी इसे जोड़ा और कहा कि बाइडन के समय भेजे गए लोग अब तेजी से वापस वेनेजुएला भेजे जा रहे हैं। यह ऐलान हाल के दिनों में अमेरिकी सेना द्वारा एक तेल टैंकर जब्त करने के बाद आया है। ट्रंप ने बार-बार जमीनी हमलों की धमकी भी दी है, जो वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था को और कमजोर कर सकती है। अमेरिका ने वेनेजुएला पर 2005 से ही पाबंदियां लगाई हुई हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल में 2019 में राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी पेट्रोलियोस डे वेनेजुएला (पीडीवीएसए) से अमेरिका को कच्चा तेल निर्यात पूरी तरह रोक दिया गया था। बाद में जो बाइडन ने 2022 में वैश्विक ईंधन कीमतें कम करने के लिए अमेरिकी कंपनी शेवरॉन को वहां काम करने की छूट दी। लेकिन ट्रंप ने इस साल मार्च में वह छूट रद कर दी और फिर सख्त शर्तों के साथ दोबारा जारी की, ताकि कोई पैसा मादुरो सरकार तक न पहुंचे। शेवरॉन अभी भी वेनेजुएला में एकमात्र अमेरिकी कंपनी है जो सीमित स्तर पर काम कर रही है। वह अपनी उत्पादन का कुछ हिस्सा पीडीवीएसए को देती है। वेनेजुएला के पास दुनिया के सबसे बड़े प्रमाणित तेल भंडार हैं, लेकिन सालों की कम निवेश और पाबंदियों से उत्पादन बहुत कम हो गया है। ज्यादातर तेल अब चीन को जाता है। यह नाकाबंदी वेनेजुएला के तेल निर्यात को और मुश्किल बना देगी, क्योंकि कई टैंकर पहले से ही सैंक्शन के दायरे में हैं। हाल की जब्ती के बाद कई जहाज वेनेजुएला के पानी में रुके हुए हैं। ट्रंप का यह कदम मादुरो सरकार की मुख्य कमाई के स्रोत को निशाना बनाता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर और बोझ पड़ेगा।
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