यूपी कॉलेज को जल्द मिलेगा विश्वविद्यालय का दर्जा, सीएम योगी ने किया बड़ा ऐलान

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यूपी कॉलेज को जल्द मिलेगा विश्वविद्यालय का दर्जा, सीएम योगी ने किया बड़ा ऐलान

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजर्षि उदय प्रताप सिंह जूदेव की सोच-संकल्पों की नींव पर खड़ा उदय प्रताप कॉलेज अब जल्द ही विश्वविद्यालय के रूप में विस्तार पाएगा। कॉलेज के 115वें स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे लेकर उत्साह बढ़ाया, लाभ बताया तो भरोसा दिया।  कॉलेज के एमपी हाल में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा, यूपी कॉलेज को विश्वविद्यालय बनने में अब ज्यादा समय नहीं लगेगा, आप लोग बस लग जाएं। शहर में यूनिवर्सिटी के लिए मात्र 20 एकड़ जमीन चाहिए, आपके पास तो 100 एकड़ है। यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने के बाद पांच वर्षीय विधि पाठ्यक्रम समेत नए कोर्स की मान्यता के लिए इधर-उधर भटकना नहीं होगा। आप जो चाहे वह कोर्स शुरू कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने यूपी कॉलेज के नए कैंपस की संभावना और शिक्षा क्षेत्र में आवश्यक सुधारों पर जोर दिया। कहा सरकार हर सकारात्मक पहल पर समर्थन करेगी। यूपी कॉलेज की शिक्षा और सर्वांगीण विकास के क्षेत्र में ऐतिहासिक योगदान को सराहना करते हुए सीएम ने कहा कि यह संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में चमकता सितारा है। यहां से निकले छात्र देश-विदेश में संस्थान का नाम रोशन कर रहे हैं। प्रदेश और देश इस योगदान के लिए कृतज्ञ है। बीएचयू व यूपी कॉलेज ने देश व समाज के लिए बहुत कुछ किया है। सीएम बोले, किसी शैक्षणिक संस्थान की पहचान होर्डिंग-बैनर, पोस्टर-प्रचार से नहीं वहां के छात्रों व शैक्षणिक गुणवत्ता से होती है। संदेश दिया कि टेक्नोलॉजी बहुत आगे बढ़ चुकी है। एक समय था जब एक आर्टिकल बनाने में चार-छह घंटे लगते थे। आज चैट जीपीटी में जाकर तीन-चार मिनट में ढेर सारी सामग्री मिल जाएगी।  यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का सॉफ्टवेयर है। अपनी रूचि अनुसार शब्दों का स्वरूप देकर इसे बढ़ा सकते हैं। एआई, रोबोटिक, ड्रोन टेक्नोलॉजी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, एग्रीकल्चरल में जीन एडिटिंग तक पहुंच चुके हैं। ऐसे में समय के प्रवाह के साथ अपने आप को तैयार करना होगा।  तकनीक, विज्ञान व नए ज्ञान से भागेंगे तो ठिकाना नहीं मिलेगा। आप टेक्नोलॉजी पर कोर्स डिजाइन कर सकते हैं। हम दूसरों के पीछे न जाएं, बल्कि हमारे कार्यों से लोग हमें फालो करें। परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता।  शॉर्टकट का रास्ता कभी मंजिल तक नहीं पहुंचा सकता। नियमों का पालन करें। शासन के नियम, सुशासन की स्थापना और सर्वसमावेशी समाज के निर्माण के लिए होते हैं। उसका पालन कर रहे हैं तो कानून संरक्षण व सम्मान देगा।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने मान्यता प्रक्रिया के सरलीकरण व ऑनलाइन करने पर बल दिया। कहा, अनुदानित, पुराने व अच्छे कॉलेजों को मान्यता तत्काल दे देनी चाहिए। मान्यता के लिए मोटा पोथा के बजाय एक पेज का पेपर होना चाहिए। इतना मोटा कोई नहीं देखता, हां कुछ बाबुओं को टाइम पास मिल जाता है। एक पेज का डिटेल भरकर एफिडेविट लगा देना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, युवा शक्ति की उपेक्षा कर कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता। उनकी भावनाओं को हम कैद करके नहीं रख सकते। उनकी संभावनाओं पर हम बैरियर नहीं लगा सकते। हमें उनकी भावनाओं को सम्मान और उचित अवसर देना होगा।  जिस देश की युवा शक्ति कुंठित व अपराध बोध से ग्रसित और दिग्भ्रमित हो, वह देश कभी भी विकसित नहीं हो सकता। जब भी परिवर्तन हुआ या होगा, युवा शक्ति ही करेगी। युवा शक्ति को केंद्र में रखकर संस्थानों को खुद को तैयार करना होगा। सीएम ने गोरखनाथ मंदिर द्वारा संचालित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. उदय प्रताप सिंह का उल्लेख करते हुए कहा कि वह गोरखपुर विश्वविद्यालय के गणित विभागाध्यक्ष, प्रति कुलपति व बाद में पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति रहे। उन्होंने मुझे बताया कि वे भी यूपी कॉलेज में पांच वर्ष रह कर पढ़ चुके हैं। कॉलेज में घुड़सवारी, खेल, संध्या वंदन आदि होते थे। गत वर्ष ओलंपिक में मेडल लाने वाले हाकी खिलाड़ी यूपी कॉलेज से पढ़े ललित उपाध्याय को सरकार ने डिप्टी एसपी पद से नवाजा है। मुख्यमंत्री ने पुरातन छात्रों को कॉलेज के विकास से जोड़ने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने का सुझाव दिया। कहा, पूर्व छात्रों को नियमित रूप से आयोजन में बुलाया जाए ताकि वे संस्थान को नए आयाम तक पहुंचाने में मदद कर सकें। सीएम ने कहा कि यहां पूर्व एमएलसी चेतनारायण सिंह जैसे अच्छे शिक्षक हुए। अब भले दूरी बना ली हो, लेकिन पहले चेतनारायण सिंह डंडा लेकर छात्रों के साथ खड़े रहते थे। अब वह ट्रेड यूनियन की तरह व्यवहार करते हैं। कहते फिरते हैं कि हमारी मांगे पूरी हों, चाहे जो मजबूरी हो। विशिष्ट अतिथि मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने मुख्यमंत्री के समक्ष यूपी कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनाने की मांग रखी। कहा, यूपी कॉलेज ने देश को कई वैज्ञानिक दिए। यह न होता तो कई लाख लोग शिक्षा से वंचित होते। उन्होंने कहा कि बंटोगे तो कटोगे नारा नहीं इतिहास था। अध्यक्षता उदय प्रताप शिक्षा समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डीपी सिंह, वार्षिक प्रतिवेदन संस्था के समिति के सचिव न्यायमूर्ति एसके सिंह, स्वागत कॉलेज के प्राचार्य प्रो. धर्मेंद्र कुमार सिंह, संचालन डॉ. प्रज्ञा पारमिता व डॉ. ज्ञानप्रभा सिंह, धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य डॉ. रमेश प्रताप सिंह ने किया। मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, महापौर अशोक तिवारी, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, डॉ. अवधेश सिंह, सुशील सिंह, सुनील पटेल, एमएलसी धर्मेंद्र राय, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामसुधार सिंह आदि मौजूद रहे।

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