राजकोट अग्निकांड: एसआईटी जांच में संचालकों सहित नगर निगम-पुलिस भी ठहराए गए जिम्मेदार, सात अधिकारी निलंबित

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राजकोट अग्निकांड: एसआईटी जांच में संचालकों सहित नगर निगम-पुलिस भी ठहराए गए जिम्मेदार, सात अधिकारी निलंबित
(राजकोट अग्निकांड) Image Source : Amar Ujala

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजकोट के गेम जोन में लगी आग के मामले एसआईटी जांच पूरी हो गई है। विशेष जांच समिति ने बताया कि अग्निकांड के पीछे गेमजोन के संचालकों के साथ-साथ राजकोट नगर निगम (आरएमसी), शहर पुलिस और सड़क एवं भवन विभाग के अधिकारियों की गंभीर लापरवाही जिम्मेदार है। बता दें, हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई थी।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, एसआईटी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया कि जोन के संचालकों ने प्रस्तावित ‘स्नो पार्क’ के निर्माण के लिए वेल्डिंग का काम किया। वह भी यह जानते हुए कि निर्माण सामग्री अत्यधिक ज्वलनशील है। गुजरात उच्च न्यायालय ने पूरे प्रकरण पर स्वत: संज्ञान लिया है और जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है। रिपोर्ट में एसआईटी ने बताया कि अलग-अलग प्रवेश और निकास मार्गों के बजाय, दोनों के लिए केवल एक ही रास्ता था। वहां आपातकालीन निकास के लिए कोई अलग व्यवस्था नहीं थी

मीडिया की माने तो रिपोर्ट में कहा गया है कि आग बुझाने के लिए लगाए गए पाइप में पानी का कोई कनेक्शन नहीं था। मौके से केवल एक सूखा रासायनिक पाउडर भरा अग्निशामक सिलेंडर मिला। इसका उपयोग पहले रेस्तरां और रसोईघर में किया जाता था। एसआईटी ने यह भी कहा कि राजकोट नगर निगम का नगर नियोजन और अग्निशमन विभाग इस घटना से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ है। एसआईटी ने कहा कि टीआरपी गेम जोन तीन साल से अधिक समय से चल रहा है। इसमें पक्का निर्माण भी हुआ था। बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मीडिया में आई खबर के अनुसार, रिपोर्ट में एसआईटी ने आगे बताया कि यह स्थान गैर-कृषि भूमि है। इसका उपयोग आवासीय उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। यहां गेमिंग जोन जैसी व्यावसायिक गतिविधियां नहीं हो सकतीं। बावजूद इसके स्थानीय सहायक नगर नियोजन अधिकारी और सहायक अभियंता ने अपने कर्तव्यों में गंभीर लापरवाही बरती।

मीडिया सूत्रों के अनुसार, सरकार ने एसआईटी की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। पुलिस ने अब तक मामले में 11 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें गेम जोन के छह साझेदार और अन्य लोग शामिल हैं, जिनके नाम जांच के दौरान सामने आए। इनमें से नौ को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि एक आरोपी प्रकाश हिरन उसी आग में मृत पाया गया।

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