जोधपुर में हुई सांप्रदायिक तनाव के बाद राजस्थान सरकार फिर से एक बार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। इसी बीच सरकार ने जोधपुर में आगामी आदेश तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है। राजस्थान के जोधपुर में सांप्रदायिक तनाव के बाद लगभग 10 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। विवाद की शुरुआत सोमवार आधी रात के बाद हुई। राजस्थान के जोधपुर में उपद्रवियों की झड़प के बाद तनाव जारी है। 97 लोगों की गिरफ्तारी के बाद भी पुलिस काफी सख्ती बरत रही है और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। ज्ञात हो कि हिंसा झंडे और लाउडस्पीकर लगाने को लेकर हुई थी। जोधपुर के जालोरी गेट चौराहे पर परशुराम जयंती के मौके पर सर्किल पर भगवा झंडे और बैनर लगाए गए थे और अन्य लोगों ने पुराने झंडे-बैनर हटाकर वहां अपने झंडे और लाउडस्पीकर लगा दिए। साथ ही स्वतंत्रता सेनानी बाल मुकुंद बिस्सा की मूर्ति से बांधकर एक बड़ा झंडा फहरा दिया गया। झंडे हटाने का वीडियो वायरल होने के बाद पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं। हिंसा के बाद जारी तनाव के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपील करते हुए कहा था कि जोधपुर के लोगों को किसी भी कीमत पर झगड़ा नहीं करना है, जोधपुर में पैदा हुआ तनाव दुर्भाग्यपूर्ण है। हिंदू समुदाय के लोगों ने आरोप लगाया कि वहां परशुराम जयंती पर लगाए गए भगवा ध्वज को हटाकर अन्य ध्वज लगा दिया गया और इसे लेकर ही झड़प हुई। हालात इस कदर बिगड़े कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लोगों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील करनी पड़ी।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर हवा सिंह घुमरिया ने बताया कि 100 के करीब लोगों को हिरासत में लिया गया है जो भी दोषी होगा उस पर पूरी कार्रवाई की जाएगी। जोधपुर में 3 मई को हुई हिंसा के बाद 10 पुलिस थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है। जालोरी गेट चौराहा पर लगी स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद मिश्र की प्रतिमा पर झंडा लगाने को लेकर विवाद के बाद हिंसा भड़क गई और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। हालात इतने गंभीर हो गए कि करीब चार से पांच जगह हिंसा हुई, कई जगह दुकानें लूटी गईं।,कई जगह मारपीट की गई तो कई जगह पथराव भी हुआ, इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लागू है।