राज्य आनंद संस्थान और राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के बीच हुआ एमओयू

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भोपाल: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य आनंद संस्थान और राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के बीच मैनिट परिसर में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैडिंग (समझौता ज्ञापन) किया गया। एमओयू के तहत दोनों पक्ष तीन वर्षों तक एक-दूसरे के सहयोगी के रूप में कार्य कर विभिन्न गतिविधियों का क्रियान्वयन करेंगे।

एमओयू का उद्देश्य

1. एक दूसरे के सहयोगी के रूप में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् में सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों पर आधारित कार्यक्रम एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के प्रस्तावों के अनुरूप वि‌द्यार्थियों में मानवीय मूल्य संवर्धन के लिये अध्ययन/कार्यक्रमों का क्रियान्वयन।

2. दोनों पक्षों के प्राध्यापक/कर्मचारियों/विद्यार्थियों का क्षमतावर्धन कर उनके माध्यम से अपनी-अपनी योजनाओं की पहुँच समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुँचाना।

3. प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों को नैतिकता, आत्म-चिंतन एवं सकारात्मक मानसिकता के विकास के लिये प्रशिक्षण एवं यथासंभव आवश्यक सहयोग प्रदान करना।

4. प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों को स्वयंसेवी पहल के लिये एक सहयोग मंच प्रदान कर आनंद एवं इससे जुड़े कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना।

5. ज्ञान और संसाधन के प्रसार हेतु अन्य दीर्घकालिक मार्ग की खोज तथा सहयोग के बिन्दुओं को तलाशकर साझा रणनीति क्रियान्वयन।

    प्रथम पक्ष के दायित्व

1. प्रथम पक्ष की प्रक्रिया के तहत चयनित ‌द्वितीय पक्ष के प्राध्यापकों के लिये प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। साथ ही प्रथम पक्ष संकाय विकास कार्यक्रम भी आयोजित करेगा ताकि प्राध्यापकों को स्वतंत्र रूप से सत्र का संचालन करने के लिये प्रशिक्षित किया जा सके।

2. प्रथम पक्ष सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों के पाठ्यक्रम निर्माण में ‌द्वितीय पक्ष की सहायता करेगा।

3. प्रथम पक्ष नियमित अंतराल पर पारस्परिक रूप से तय कार्यक्रम के अनुसार द्वितीय पक्ष के प्राध्यापक एवं वि‌द्यार्थियों के लिए आनंद के कार्यक्रमों का आयोजन करेगा।

4. प्रथम पक्ष विद्यार्थियों के लिये सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों पर आधारित कार्यक्रम आयोजित करेगा, जो या तो पूरे 7 दिनों तक लगातार आयोजित किये जायेंगे अथवा तीन माह के लिए 10 सत्रों की अवधिवार पाठ्यक्रम बनाया जाएगा।

5. प्रथम पक्ष प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों के विकास, संस्थागत क्षमता निर्माण, अनुसंधान और नवाचार से संबंधित गतिविधियों में ‌द्वितीय पक्ष के ज्ञान सहभागी के रूप में कार्य करेगा एवं तद्‌नुसार संयुक्त कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करने और उन्हें संचालित करने के लिये अपनी विशेषज्ञता प्रदान करेगा।

6. प्रथम पक्ष सभी निर्धारित कार्यक्रमों के लिए एक ऑनलाइन पंजीयन लिंक प्रदान करेगा और नामांकित/चिह्नित प्रतिभागियों को दिये गये लिंक के माध्यम से ऑनलाइन पंजीयन करेगा।

    द्वितीय पक्ष के दायित्व :

1. द्वितीय पक्ष आनंद से संबंधित संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम, कार्यशालायें और सम्‌मेलन आयोजित करने में प्रथम पक्ष को यथासंभव सहयोग प्रदान करेगा।

2. प्रथम पक्ष ‌द्वारा तैयार पाठ्य-पुस्तक अध्ययन सामग्री आदि को द्वितीय पक्ष अपनी आवश्यकतानुसार मुद्रित करवायेगा तथा प्रतिभागियों को उपलब्ध कराएगा।

3. द्वितीय पक्ष परस्परिक रूप तय समय सारणी के अनुसार आनंद से जुड़े कार्यक्रमों के लिये प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों को नामांकित करेगा।

4. द्वितीय पक्ष आनंदसे जुड़े कार्यक्रमों में नामांकित प्रतिभागियों का नियमित अंतराल पर निरीक्षण करेगा तथा उनकी क्षमता व समझ के आधार पर उन्हें अगले स्तर के कार्यक्रमों के लिये चिहिन्त/नामांकित करेगा।

5. द्वितीय पक्ष अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रथम पक्ष द्वारा आयोजित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों/आनंद शिविरों/प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आदि में सम्मिलित होने के लिए प्रोत्साहित करेगा तथा उन्हें आवश्यक अनुमति प्रदान करेगा।

6. प्रथम पक्ष द्वारा प्रदत्त प्रारूप में कार्यक्रम के पूर्व और पश्चात आवश्यकतानुसार मूल्यांकन/प्रथम रिपोर्ट द्वितीय पक्ष द्वारा तैयार किया जायेगा।

7. द्वितीय पक्ष, प्रथम पक्ष के कार्यक्रमों के संचालन के लिये आवश्यक सुविधाएँ एवं संसाधन उपलब्ध कराएगा।

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News & Image Source: khabarmasala

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