मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करोड़ों रुपये के बैंक फ्रॉड के मामले में गाजियाबाद के बिल्डर राजीव त्यागी व उसके बेटों की 14.89 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं। इनमें औद्योगिक व रिहायशी भूखंड, दुकान, कार्यालय व फ्लैट शामिल हैं। जब्त की गईं संपत्तियों में एसकेटी गारमेंटस लिमिटेड व एसके इंटरप्राइजेज के संचालक तथा राजीव त्यागी के बेटे अर्मत्य राज त्यागी व कनिष्क राज त्यागी की संपत्तियां भी शामिल हैं। मामले में बैंक अधिकारियों व कर्मियों की भूमिका की भी जांच चल रही है। ईडी ने यह कार्रवाई गाजियाबाद के साईं कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डर्स व उसकी सहयोगी फर्माें द्वारा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 22.20 करोड़ रुपये का ऋण लेकर रकम हड़पने के मामले में की है। सीबीआई गाजियाबाद की एंटी करप्शन ब्रांच ने यूनियन बैंक की शिकायत पर मामले में 11 अप्रैल, 2020 को धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था। ईडी ने उसी मुकदमे को आधार बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर अपनी जांच शुरू की थी। बैंक के साथ हुई ठगी में कंपनियों के गारंटर भी शामिल हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ईडी की जांच में सामने आया था कि राजीव त्यागी अपनी पत्नी मीनू त्यागी के नाम से साईं कंस्ट्रक्शन एंड बिल्डर्स का संचालन कर रहे थे। मीनू को कंपनी में साझेदार बनाया गया था। आरोपितों ने पहले से यूकों बैंक को गिरवी रखी जा चुकी संपत्तियों को यूनियन बैंक में भी बंधन बनाया था। फर्जी दस्तावेजाें के जरिए यूनियन बैंक से 22.20 करोड़ रुपये का ऋण हासिल करने के बाद कुछ दिनों तक किश्तें चुकाई गईं और फिर भुगतान बंद कर दिया गया। बैंक ने कंपनी को डिफाल्टर घोषित कर दिया था। जब बंधन बनाई गईं संपत्तियों को कब्जे में लेने का प्रयास किया गया तो पता चला कि यूको बैंक पहले ही उन्हें जब्त कर चुका है।
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