मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि लोकतंत्र के अस्तित्व और विकास के लिए एक मजबूत न्यायिक प्रणाली आवश्यक है। नई दिल्ली में कल शाम एक पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि दुनिया भर में जांच कार्य कार्यपालिका के दायरे में आता है और उस पर निर्णय लेना न्यायपालिका की जिम्मेदारी है। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा नकदी विवाद का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने मामले की त्वरित जांच पर बल दिया। उन्होंने कहा कि के. वीरास्वामी फैसले पर पुनर्विचार करने का समय आ गया है क्योंकि ऐसी स्थिति 1991 में के. वीरास्वामी मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले से ही उत्पन्न हुई है।
समारोह के दौरान श्री धनखड़ ने द कॉन्स्टिट्यूशन वी अडॉप्टेड नामक पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक के लेखक सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया हैं।
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें
News & Image Source: newsonair.gov.in