प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अजमेर और दिल्ली कैंट को जोड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि, मां भारती की वंदना करने वाली राजस्थान की धरती को आज पहली ‘वंदे भारत’ ट्रेन मिल रही है। दिल्ली कैंट-अजमेर वंदे भारत एक्प्रेस से जयपुर-दिल्ली आना जाना अब और आसान हो जाएगा। यह ट्रेन राजस्थान की Tourism Industry को भी बहुत मदद करेगी। उन्होंने कहा कि, जब से ये आधुनिक ट्रेनें (वंदे भारत) शुरू हुई हैं तब से करीब करीब 60 लाख लोग इन ट्रेनों में सफर कर चुके हैं। तेज रफ़्तार वंदे भारत की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये लोगों का समय बचा रही है। तेज रफ़्तार से लेकर खूबसूरत डिजाइन तक… वंदे भारत ट्रेन तमाम खूबियों से संपन्न है। इन्हीं सब खूबियों को देखते हुए आज देश में वंदे भारत ट्रेन का गौरवगान हो रहा है। उन्होंने बताया कि, वंदे भारत एक्सप्रेस ‘India First, Always First’ की भावना को समृद्ध करती है। मुझे खुशी है कि वंदे भारत ट्रेन आज विकास, आधुनिकता, आत्मनिर्भरता और स्थिरता का पर्याय बन चुकी है। आज की वंदे भारत की यात्रा कल हमें विकसित भारत की यात्रा की ओर ले जाएगी।
पीएम मोदी ने बताया कि, आजादी के बाद रेलवे के आधुनिकीकरण पर हमेशा राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा। राजनीतिक स्वार्थ को देख कर ही तय किया जाता था कि कौन रेल मंत्री बनेगा, राजनीतिक स्वार्थ ने ही ऐसी-ऐसी ट्रेनों की घोषणा करवाई जो कभी चली ही नहीं। हालत यह थी कि गरीब की जमीन छीन कर उन्हें रेलवे में नौकरी का झांसा दिया गया। रेलवे की सुरक्षा… स्वच्छता सबकुछ को नजरअंदाज कर दिया गया था। इन सारी व्यवस्थाओं में बदलाव वर्ष 2014 के बाद आना शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि, शूरवीरों की धरती राजस्थान को आज हमारी सरकार नई संभावनाओं और अवसरों की धरती बना रही है। राजस्थान देश के Top Tourist Destination में से एक है। राजस्थान की कनेक्टिविटी को लेकर बीते वर्षों में जो काम सरकार ने किया है, वो अभूतपूर्व है। उन्होंने बताया कि, केंद्र सरकार राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी लगभग 1,400 किलोमीटर सड़कों पर काम कर रही है। हमारी सरकार रोड के साथ ही राजस्थान में रेल कनक्टिविटी को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, वर्ष 2014 से पहले की तुलना में राजस्थान के रेल बजट में 14 गुना की बढ़ोतरी की गई है। रेलवे में गेज परिवर्तन और दोहरीकरण के जो काम बीते वर्षों में हुए हैं उनका लाभ राजस्थान के जनजातीय क्षेत्रों को भी हुआ है। रेलवे लाइनों के साथ साथ रेलवे स्टेशनों का भी कायाकल्प किया जा रहा है। उन्होंने यहाँ कहा कि, पर्यटकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए सरकार अलग अलग तरह की सर्किट ट्रेनों का भी संचालन कर रही है। भारत गौरव सर्किट ट्रेन अब तक 70 से ज्यादा ट्रिप लगा चुकी है। उन्होंने बताया कि, भारतीय रेल ने राजस्थान में लगभग 70 ‘वन स्टेशन-वन प्रोडक्ट’ स्टॉल लगाए हैं। इन स्टॉल्स के जरिए जयपुरी रजाइयों और हस्तशिल्प की जमकर बिक्री हो रही है। यानी राजस्थान के छोटे किसानों, कारीगरों और हस्तशिल्पियों को बाजार तक पहुंचने का नया माध्यम मिल गया है। उन्होंने कहा कि, जब रेल और रेल जैसा कनेक्टिविटी का इंफ्रास्ट्रक्चर सशक्त होता है तो देश सशक्त होता है। मुझे विश्वास है कि ये नई ट्रेन राजस्थान के विकास को गति देने में अहम भूमिका निभाएगी।
News & Image Source : (Twitter) @BJP4India
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