भोपाल: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश में शासकीय सेवकों पर चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों में संबंधित विभाग अभियोजन की स्वीकृति को लटकाकर नहीं रख सकेंगे। उन्हें चार माह में अभियोजन स्वीकृति देनी ही होगी। केंद्र सरकार ने इसे लेकर राज्यों को निर्देश दिए हैं कि भ्रष्टाचार के मामलों में अभियोजन की स्वीकृति देने में विलंब नहीं होना चाहिए।
कहा गया है कि ऐसे मामलों में चार माह के भीतर आरोपित शासकीय सेवक के विरुद्ध अभियोजन की स्वीकृति दी जाए। इसके आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए हैं कि भ्रष्टाचार के मामले में वैसे तो तीन माह में अभियोजन की स्वीकृति दी जानी चाहिए, पर विशेष परिस्थिति में यह अवधि अधिकतम एक माह बढ़ाई जा सकती है।
अभियोजन की स्वीकृति लंबित है
भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने सभी राज्यों को इस संबंध में पत्र जारी किया है। बता दें, मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार से जुड़े 274 प्रकरण लोकायुक्त और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) में चल रहे हैं। इनमें अधिकतर मामलों में अभियोजन स्वीकृति लंबित है।
लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू में 35 कलेक्टर-एसडीएम सहित 27 विभागों के 274 आरोपित
विधानसभा में दी गई जानकारी के आधार पर लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू में 35 कलेक्टर-एसडीएम सहित 27 विभागों के 274 शासकीय अधिकारी -कर्मचारी आरोपित बनाए गए हैं। इनमें सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी रमेश थेटे के विरुद्ध 25 प्रकरण दर्ज है।
अधिकांश प्रकरणों में रमेश थेटे के साथ तहसीलदार आदित्य शर्मा भी आरोपित बनाए गए हैं। इनके विरुद्ध वर्ष 2013 में ही अलग-अलग दिनांक को विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर वर्ष 2014 और 2015 में अभियोजन स्वीकृति मांगी गई थी।
कलेक्टरों और एसडीएम के नाम शामिल
अन्य आईएएस अधिकारियों में सेवानिवृत्त आईएएस अजातशत्रु श्रीवास्तव, बृजमोहन शर्मा, कवींद्र कियावत, अरुण कोचर, अखिलेश श्रीवास्तव, शिवपाल सिंह, मनोज माथुर सहित 35 कलेक्टर, एसडीएम के नाम शामिल है।
वहीं छिंदवाड़ा जिले में अमरवाड़ा के तत्कालीन एसडीओ (राजस्व) फरतउल्ला खान बालाघाट जिले में बैहर के तत्कालीन एसडीएम प्रवीण फुलगारे और तत्कालीन नगर निगम आयुक्त विवेक सिंह के विरुद्ध प्रकरण दर्ज है। इनके प्रकरणों में लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू ने शासन से अभियोजन स्वीकृति मांगी है, लेकिन अधिकांश प्रकरणों में स्वीकृति नहीं मिली।
विभाग और आरोपित
सामान्य प्रशासन विभाग- 35
राजस्व – 30
सहकारिता – 8
गृह पुलिस – 2
पीडब्ल्यूडी – 7
पंचायत एवं ग्रामीण विकास – 18
वन – 1
स्वास्थ्य – 10
नगरीय विकास एवं आवास – 36
जन जातीय कार्य (आदिम जाति कल्याण) – 3
वाणिज्यिककर – 5
वित्त – 2
महिला एवं बाल विकास – 3
स्कूल शिक्षा – 2
खाद्य नागरिक आपूर्ति – 2
संसदीय कार्य – 1
जल संसाधन – 7
पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण – 2,
श्रम – 1
पीएचई – 1
उद्यानिकी – 1
उच्च शिक्षा – 2
कृषि – 3
होमगार्ड -1
विमानन विभाग – 1
राज्य के अन्य निकाय – 88
विभागवार कुल आरोपित – 274
#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi
Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें
News & Image Source: khabarmasala