संसार में मूर्ख और धूर्त कौन है?

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इस बात की पहचान करना आवश्यक है। यदि आपको मूर्खों एवं धूर्तों की पहचान नहीं है, और आप ऐसे लोगों के साथ व्यवहार करेंगे, तो उनके संपर्क से आपको बहुत अधिक दुख तथा हानियां उठानी पड़ेंगी।
कम बुद्धि वाला (Low IQ) वाला व्यक्ति, जो आपकी बात को ठीक से समझता नहीं, वह ‘मूर्ख’ कहलाता है और जो जानबूझकर धोखा देता है, छल कपट चालाकी करता है, वह ‘धूर्त’ कहलाता है।
मूर्ख लोग पहले तो दूसरों की बात को ध्यान से सुनते नहीं। कुछ लोग ध्यान से सुन भी लेते हैं, परंतु बुद्धि योग्यता कम होने से वे दूसरों की बात का अभिप्राय ठीक से समझ नहीं पाते।
जब वे अभिप्राय ठीक नहीं समझते, गलत समझते हैं, तो दूसरों के काम बिगाड़ते हैं, या फिर दूसरों की बात का गलत अर्थ निकाल कर उनके साथ लड़ाई झगड़ा राग द्वेष इत्यादि दुर्व्यवहार करते हैं।
इनके अतिरिक्त संसार में कुछ लोग धूर्त (धोखेबाज) होते हैं, जो दूसरों की बात को ध्यान से सुनते हैं, समझते हैं, परंतु अपने खराब स्वभाव और दुष्टता के कारण, वे दूसरे लोगों के साथ चालाकी छल कपट धोखाधड़ी बेईमानी करते हैं। जानबूझकर दूसरों के वाक्यों से, उनके अभिप्राय के विरुद्ध अर्थ निकालते हैं। ऐसे धूर्तों का, दुष्ट लोगों का उद्देश्य होता है, दूसरों को परेशान करना, दूसरों को दुख देना, दूसरों को अपमानित करना, स्वयं को अधिक बुद्धिमान प्रदर्शित करना, और दूसरों को मूर्ख सिद्ध करना। ऐसे धूर्त (दुष्ट) लोग, उन कम बुद्धि वाले मूर्खों से भी अधिक खतरनाक होते हैं।
आपको इन दोनों (मूर्खों और धूर्तों) की पहचान करनी होगी।यदि आप ऊपर बताए लक्षणों के आधार पर संसार के लोगों के साथ 2/ 4/ 5/ 8/ 10 बार व्यवहार बातचीत करके मूर्खों और धूर्तों/दुष्टों की पहचान कर लेंगे, और ऐसे लोगों से सावधान रहेंगे, तो आप उनसे प्राप्त होने वाले अनेक दुखों से बच पाएंगे। अन्यथा ये दोनों प्रकार के लोग आप का जीना दूभर कर देंगे। आपके साथ जो दुर्व्यवहार करेंगे,उससे आपका जीवन अस्त व्यस्त असंतुलित और दुखमय बन जाएगा।
ये दोनों प्रकार के (मूर्ख और धूर्त) लोग, अनजाने में और जानबूझकर, बहुत सी गलतियां करते हैं। अर्थात सोचने बोलने और व्यवहार करने में, झूठ छल कपट चालाकी बेईमानी इत्यादि, गलतियां करते हैं। ये सब गलतियां, कुल मिलाकर 54 प्रकार की होती हैं। *”ये 54 प्रकार की गलतियां, महर्षि गौतम जी ने न्याय दर्शन में बताई हैं। वे सब संस्कृत भाषा में हैं। आजकल प्रायः लोग संस्कृत भाषा पढ़ते नहीं। इसलिए सबकी जानकारी के लिए उन 54 गलतियों को हिंदी भाषा में एक छोटी सी पुस्तक में लिखा है, पुस्तक का नाम है “सत्य की खोज”. इस पुस्तक में आप उन्हें पढ़ें।
अतः दोनों प्रकार के (मूर्ख और धूर्त) लोगों की पहचान करें। इनसे बचकर रहें। बुद्धिमान और धार्मिक विद्वानों के साथ सत्संग करें। उनकी संगति से अच्छी बातें सीख कर धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष, मानव जीवन के इन चार उद्देश्यों को प्राप्त करें।

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