मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने समग्र खाद्य सुरक्षा के प्रबधन और जमाखोरी पर रोक लगाने के लिए गेहूं पर भंडारण की सीमा लागू कर दी है। भंडारण की सीमा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़े खुदरा श्रृंखला और प्रसंस्करण से जुड़ी इकाइयों पर लागू होगी। उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने बताया कि व्यापारियों और थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं की भंडारण सीमा 3000 मीट्रिक टन से घटाकर 2000 मीट्रिक टन कर दी गई है। इस क्रम में खुदरा विक्रेताओं के लिए भंडारण सीमा 8 मीट्रिक टन की गई है। मंत्रालय ने गेहूं की सभी भंडारण इकाइयों को गेहूं भंडारण पोर्टल पर प्रत्येक शुक्रवार को भंडारण की स्थिति घोषित करने का निर्देश दिया है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सरकार ने आगामी त्योहारों के मौसम से पहले गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अगले वर्ष 31 मार्च तक लागू गेहूं की भंडारण सीमा को संशोधित करने का फैसला किया है। मंत्रालय ने बताया कि फसल वर्ष 2024-25 में गेहूं का 1,175 लाख टन से अधिक रिकार्ड उत्पादन हुआ था और देश में पर्याप्त मात्रा में गेहूं उपलब्ध है। केन्द्र सरकार ने राज्य इकाइयों और भारतीय खाद्य निगम के जरिए रबी विपणन सत्र 2025-26 में 300 लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद की है और यह जरूरत के लिए पर्याप्त है। मंत्रालय ने कहा कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग देश में गेहूं के मूल्य नियंत्रित करने और गेंहूं आसानी से उपलब्ध कराने के लिए भंडारण की स्थिति पर नजर रख रहा है।
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