सामाजिक न्याय तभी सुनिश्चित हो सकता है जब सभी को न्‍याय मिले : पीएम मोदी

0
35

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि सामाजिक न्याय तभी सुनिश्चित हो सकता है जब सभी को न्‍याय मिले, चाहे उनकी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो। आज शाम नई दिल्ली में सर्वोच्च न्यायालय में कानूनी सहायता वितरण तंत्र को सुदृढ़ बनाने पर राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि सभी को न्याय सुनिश्चित करने में कानूनी सहायता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने लोक अदालतों और मुकदमा-पूर्व समझौतों के माध्यम से लाखों विवादों के शीघ्र तथा सौहार्दपूर्ण समाधान पर प्रसन्नता व्यक्त की। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई कानूनी सहायता बचाव परामर्श प्रणाली के तहत केवल तीन वर्षों में लगभग आठ लाख आपराधिक मामलों का निपटारा किया गया है।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कानूनी दस्तावेजों को स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध कराने पर भी ज़ोर दिया। श्री मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने न्याय की सुगमता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कानूनी जागरूकता को बढ़ावा देना सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यापार और जीवन में सुगमता तभी संभव है जब न्याय में सुगमता सुनिश्चित हो। प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सरकार के प्रयासों से समाज के गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित और वंचित वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित हुआ है। श्री मोदी ने कहा कि यह सचमुच सराहनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 80 हज़ार से ज्‍यादा फ़ैसलों का 18 भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने की पहल की है। विधि एवं न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने ज़रूरतमंद नागरिकों को कानूनी सहायता और सेवाएँ प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि देश में अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक न्याय की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए टेली-लॉ और कानूनी सेवाओं जैसी पहलों को लागू किया जा रहा है। श्री मेघवाल ने कहा कि 2017 में शुरू की गई टेली-लॉ योजना के तहत, देश भर में एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों को मुक़दमेबाज़ी से पहले सलाह मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि नालसा के तहत कानूनी सहायता गतिविधियों के लिए बजट आवंटन भी 2015-16 के 68 करोड़ रुपये से बढ़ाकर चालू वित्त वर्ष में चार सौ करोड़ रुपये कर दिया गया है। दो दिन के सम्मेलन में कानूनी सेवा ढांचे के प्रमुख पहलुओं जैसे कानूनी सहायता बचाव परामर्श प्रणाली, पैनल वकील, अर्ध-कानूनी स्वयंसेवक, स्थायी लोक अदालतें और कानूनी सेवा संस्थानों के वित्तीय प्रबंधन पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here