भारतीय नौसेना ने आज 42बी हेलीकॉप्टर से पहली स्वदेशी रूप से विकसित नौसेना एंटी-शिप मिसाइल की पहली फायरिंग सफलतापूर्वक की। इसे बालासोर में एकीकृत परीक्षण रेंज से किया गया । मिसाइल ने वांछित समुद्री स्किमिंग ट्राजेक्टरी का अनुसरण किया और नियंत्रण, मार्गदर्शन और मिशन एल्गोरिदम को मान्य करते हुए अत्याधिक सटीकता के साथ निर्दिष्ट लक्ष्य तक पहुंच गई।
भारतीय नौसेना ने एक टवीट में बताया कि यह फायरिंग विशिष्ट मिसाइल प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे स्वदेशीकरण के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता की पुष्टि होती है। नौसेना एंटीशिप मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन- डी आर डी ओ के सहयोग से विकसित किया गया है। मिसाइल ने कई नई तकनीकों को नियोजित किया, जिसमें हेलीकॉप्टर के लिए स्वदेशी रूप से विकसित लांचर भी शामिल है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस परीक्षण के लिए डीआरडीओ, भारतीय नौसेना और संबंधित टीमों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि भारत ने मिसाइल प्रणालियों के स्वदेशी डिजाइन और विकास में उच्च स्तर की क्षमता हासिल की है।
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