केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि, “हमें टीका टिप्पणी छोड़ कर अपने गौरवशाली इतिहास को जनता के सामने रखना चाहिए, जब हमारा प्रयास बड़ा होगा तो झूठ का प्रयास खुद ही छोटा हो जायेगा। इसलिए हमें हमारा प्रयास बड़ा करने में अधिक ध्यान देना चाहिए। उन्होंने दिल्ली में ‘महाराणा: सहस्र वर्षों का धर्मयुद्ध’ पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। गृहमंत्री शाह ने आज प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित डॉ. ओमेंद्र रत्नू जी की पुस्तक ‘महाराणा: सहस्र वर्षों का धर्मयुद्ध’ का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि, धर्म व संस्कृति की रक्षा हेतु मेवाड़ के महाराणाओं के हजारों वर्षों के संघर्ष व गौरवशाली इतिहास को इस पुस्तक में समाहित कर देश के सामने रखने का यह एक सराहनीय प्रयास है।”
गृहमंत्री शाह ने कहा कि, “किसी भी समाज को अपना उज्ज्वल भविष्य बनाना है तो अपने इतिहास से प्रेरणा और सीख लेकर आगे का रास्ता प्रशस्त करना चाहिए। इतिहास सरकार और किताबों के आधार पर नहीं बनते हैं, सत्य घटनाओं के आधार पर बनते हैं। इतिहास हार और जीत के आधार पर नहीं लिखा जाता बल्कि उस घटना ने क्या परिणाम छोड़ा उसके आधार पर लिखा जाता है।”
उन्होंने आगे कहा कि, “हमारे पूर्वजों ने हजारों साल तक अपनी संस्कृति, भाषा और धर्म के लिए जो लड़ाई लड़ी है वो व्यर्थ नहीं गयी, आज देश फिर से सम्मान के साथ खड़ा हो रहा है। भारत में हजारों वर्षों से बह रहे संस्कृति के धारा प्रवाह को अक्षुण्ण रखने वाले सभी योद्धाओं के पराक्रम व बलिदान को नमन कर श्रद्धांजलि देता हूँ। उनके अतुलनीय संघर्ष से ही हमारी सनातन संस्कृति आज संरक्षित व संवर्धित हुई है।”
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