प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने हिमाचल दौरे के दौरान उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा है कि, “हमारे देश में दशकों तक वोटबैंक की राजनीति हुई है। अपना-अपना वोटबैंक बनाने की राजनीति ने देश का बहुत नुकसान किया है। हम वोटबैंक बनाने के लिए नहीं, नए भारत को बनाने के लिए काम कर रहे हैं। 2014 से पहले देश की सुरक्षा को लेकर चिंता थी, आज सर्जिकल स्ट्राइक-एयर स्ट्राइक का गर्व है। आज हमारी सीमा पहले से ज्यादा सुरक्षित है। 2014 से पहले की सरकार ने भ्रष्टाचार को सिस्टम का जरूरी हिस्सा मान लिया था। तब की सरकार भ्रष्टाचार से लड़ने की बजाय उसके आगे घुटने टेक चुकी थी, तब देश देख रहा था कि योजनाओं का पैसा जरूरतमंद तक पहुंचने के पहले ही लुट जाता है।”
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिमला में ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ की 11वीं किस्त जारी की।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, “आज मेरे जीवन में एक विशेष दिवस भी है, इस विशेष दिवस पर देवभूमि को प्रणाम करने का मौका मिले, इससे बड़ा सौभाग्य क्या हो सकता है। आप इतनी बड़ी तादाद में हमें आशीर्वाद देने आए, मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। अभी देश के करोड़ों किसानों के खाते में पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा ट्रांसफर हो गया, पैसा उनको मिल भी गया। आज मुझे शिमला की धरती से देश के 10 करोड़ से भी ज्यादा किसानों के खाते में पैसे पहुंचाने का सौभाग्य मिला है। 130 करोड़ भारतीयों के सेवक के तौर पर काम करने का मुझे आप सभी ने अवसर दिया, मुझे सौभाग्य मिला। आज मैं कुछ कर पाता हूं, दिन रात दौड़ पाता हूं तो ये मत सोचिए कि ये मोदी करता है, ये मत सोचिए कि मोदी दौड़ता है, ये सब तो देशवासियों की कृपा से हो रहा है। एक परिवार के सदस्य के नाते, परिवार की आशा-आकांक्षा से जुड़ना, 130 करोड़ देशवासियों का परिवार ये ही सब कुछ है मेरी जिंदगी में।”
पीएम मोदी ने कहा कि, “आप ही हैं सब कुछ मेरी जिंदगी में और ये जिंदगी भी आप ही के लिए है। पीएम आवास योजना हो, स्कॉलरशिप देना हो या फिर पेंशन योजनाएं, टेक्नोलॉजी की मदद से हमने भ्रष्टाचार का स्कोप कम से कम कर दिया है। जिन समस्याओं को पहले Permanent मान लिया गया था, हम उसके Permanent Solution देने का प्रयास कर रहे हैं। ये हमारी ही सरकार है जिसने चार दशकों के इंतजार के बाद वन रैंक वन पेंशन को लागू किया, हमारे पूर्व सैनिकों को एरियर का पैसा दिया। इसका बहुत बड़ा लाभ हिमाचल के हर परिवार को हुआ है। लेकिन आज चर्चा जन-धन खातों से मिलने वाले फायदों की हो रही है, जनधन-आधार और मोबाइल से बनी त्रिशक्ति की हो रही है। पहले रसोई में धुआं सहने की मजबूरी थी, आज उज्ज्वला योजना से सिलेंडर पाने की सहूलियत है। कोरोना काल में जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया था, ऐसे बच्चों का जिम्मा संभालने का अवसर मुझे मिला है। ऐसे हजारों बच्चों की देखभाल का निर्णय हमारी सरकार ने किया, कल उन्हें मैंने कुछ पैसे भी चेक के माध्यम से भेज दिए।”
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