मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत राज्य की सभी महिला सरपंचों को उनके संबंधित गांवों का ब्रांड एंबेसडर बनाया जाएगा। अगले पांच वर्षों में 10 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने वीरवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रुति चौधरी के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि 563 आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों में अपग्रेड करने के लिए भारत सरकार से पांच करोड़ 63 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। विभाग ने 2307 आंगनबाड़ी केंद्रों को अपग्रेड करने का एक अन्य प्रस्ताव भी भारत सरकार को भेजा है। उन्होंने कहा कि पीएनडीटी एक्ट 1994 को सख्ती से लागू कर बालिकाओं को बचाने के लिए गांवों में नुक्कड़ नाटक और अन्य कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए। इन कार्यक्रमों में गांव की सभी महिलाओं को आमंत्रित किया जाना चाहिए, जिन्हें समुदाय की सबसे बुजुर्ग महिलाएं संबोधित करें। लिंग जांच के लिए हैंडहेल्ड यूएसजी मशीनों के इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री ने इस अवैध काम में शामिल लोगों पर नजर रखने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए 2015 से अब तक कुल 1,220 एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसके अतिरिक्त, अंतर-राज्यीय छापों के माध्यम से 386 एफआईआर दर्ज की गई हैं और डॉक्टरों, झोलाछाप और दलालों की अवैध गतिविधियों को निशाना बनाकर 4,000 गिरफ्तारियां की गई हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य पोषण अभियान में देश के शीर्ष तीन राज्यों में स्थान बनाना है। उन्होंने पोषण 2.0 के तहत ब्लाक, जिला और राज्य स्तर पर 01-06 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करने का सुझाव दिया, जिसमें विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा। आंगनबाड़ी केंद्रों के कामकाज की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिन केंद्रों के पास अपना भवन नहीं है, उन्हें अप्रयुक्त या कम उपयोग वाले स्कूल और अन्य भवनों में स्थानांतरित किया जाए, जब तक कि उनके अपने भवन नहीं बन जाते। इन अस्थायी स्थानों पर सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। राज्य में 25,962 आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें 23,447 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और 21,127 आंगनबाड़ी सहायिका हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग ने बच्चों में पोषण में सुधार के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की हैं। मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना के तहत बच्चों (1-6 वर्ष) के साथ-साथ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को इंस्टेंट खीर, प्रोटीन मिल्क बार और स्किम्ड मिल्क पाउडर सहित विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 200 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।
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