हाईकोर्ट के आदेश पर भोपाल विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ केस, फर्जी दस्तावेज से कॉलेज मान्यता का मामला

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भोपाल: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजधानी भोपाल से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है। शहर की मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। कोहेफिजा थाने में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर ये कार्रवाई की गई है। आरोप है कि, विधायक आरिफ मसूद ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने कॉलेज को मान्यता दिलाई है।

इसी को मद्देनजर रखते हुए पिछले दिनों उच्च शिक्षा विभाग ने उनके कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी थी। हालांकि, छात्रों के शेक्षणिक हित को मद्दनेजर रखते हुए हाईकोर्ट ने कॉलेज में पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी है। लेकिन, अगले सत्र के लिए नए एडमिशन पूरी तरह से प्रतिबंधित किए गए हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि, बिना राजनीतिक संरक्षण के इतने सालों तक ऐसा कॉलेज नहीं चल सकता। मामले की गंभीरता देखते हुए अब सभी की नजरें इसपर टिकी हैं कि, आगामी दिनों में इस केस को लेकर क्या दिशा बनती है।

यह कार्रवाई जबलपुर हाईकोर्ट के निर्देश पर की गई है। एडिशनल डीसीपी शालिनी दीक्षित ने एफआईआर की पुष्टि करते हुए बताया कि कोर्ट के आदेश के अनुसार केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

पिछले दिनों उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी थी। हालांकि, छात्रों के हित को देखते हुए कोर्ट ने कॉलेज को जारी रखने की अनुमति दी, लेकिन नए एडमिशन पर पूरी तरह रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि बिना राजनीतिक संरक्षण के इतने सालों तक ऐसा कॉलेज नहीं चल सकता।

कोर्ट ने कहा था- 3 दिन के अंदर एफआईआर दर्ज करें

हाईकोर्ट ने सोमवार को फर्जी दस्तावेजों के जरिए कॉलेज की मान्यता प्राप्त करने के मामले में सुनवाई करते हुए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने भोपाल कमिश्नर को आदेश दिया कि वे तीन दिन के भीतर एफआईआर दर्ज कर इसकी जानकारी कोर्ट को दें।

जस्टिस अतुल श्रीधरन की कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान यह पाया गया कि कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से कॉलेज की मान्यता ली थी। कोर्ट ने इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज में नए दाखिलों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।

एसआईटी करेगी मामले की जांच हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि इस पूरे मामले की अब एसआईटी जांच करेगी। ADG संजीव शमी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम जांच करेगी। हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि 90 दिन में एसआईटी अपनी जांच रिपोर्ट पेश करें।

बता दें कि पिछले दिनों उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज की मान्यता को रद्द कर दिया था, लेकिन छात्र हित को देखते हुए कॉलेज में छात्रों की पढ़ाई को कंटिन्यू रखा गया था। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि बिना राजनीतिक संरक्षण इतने सालों तक कॉलेज नहीं चल सकता था।

कॉलेज की संचालन समिति में सचिव हैं आरिफ मसूद इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज का संचालन अमन एजुकेशन सोसाइटी करती है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद इस सोसाइटी के सचिव हैं। इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज भोपाल के खानूगांव में स्थित है।

पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह ने की थी शिकायत

पूर्व विधायक ध्रुवनारायण सिंह ने इस पूरे मामले की शिकायत की थी। जांच के बाद आयुक्त उच्च शिक्षा ने माना कि अमन एजुकेशन सोसाइटी ने इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज के संचालन के लिए फर्जी दस्तावेजों पर एनओसी और मान्यता ली।

इसके बाद कॉलेज की मान्यता रद्द की गई। जांच में पता चला कि कूटरचित दस्तावेजों के जरिए सेल डीड तैयार करवाई और इसे पंजीयन कार्यालय में फर्जी तरीके से दर्ज भी बताया गया।

ये है मामला

भोपाल से विधायक आरिफ मसूद की अमन एजुकेशन द्वारा संचालित कॉलेज की पिछले दिनों मान्यता रद्द कर दी गई थी। उच्च शिक्षा विभाग ने इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी थी। इसके पहले कॉलेज को अंतरिम मान्यता मिली थी, लेकिन कॉलेज की ओर से जरूरी कागजात और शर्तें पूरी नहीं करने पर विभाग ने मान्यता रद्द करने की बात कही थी। विधायक पर आरोप है कि, उन्होंने संस्था के फर्जी दस्तावेज लगाकर कॉलेज की मान्यता ली थी, जिसमें संबंधित अधिकारियों पर भी मिलीभगत का आरोप है।

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News & Image Source: khabarmasala

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