हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने किया नीरजा माधव की तीन पुस्तकों का लोकार्पण

0
19

वाराणसी: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल श्री शिवप्रताप शुक्ला का कहना है किसी भी राष्ट्र की उन्नति और समृद्धि के लिए आवश्यक है कि उसके नागरिक अपने भीतर राष्ट्रवाद की भावना को सतत जीवंत रखें।
वे यहां प्रख्यात लेखिका डा. नीरजा माधव की तीन पुस्तकों के लोकार्पण समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। कमिश्नरी सभागार, वाराणसी में डॉ. नीरजा माधव की तीन पुस्तकों का एक साथ लोकार्पण हुआ। पहली पुस्तक “अर्थात् राष्ट्रवाद” जो प्रभात प्रकाशन नई दिल्ली से प्रकाशित है और शेष दो पुस्तकें” नीरजा माधव :रचना धर्मिता के सोपान” और दूसरी पुस्तक “नीरजा माधव:सृजन का आयतन “प्रलेक प्रकाशन, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित हैं। डॉ. नीरजा माधव के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित इन दोनों पुस्तकों के सम्पादक हैं- डॉ बेनी माधव मिश्र और डॉ. कवीन्द्र नारायण श्रीवास्तव।
“अर्थात् राष्ट्रवाद” पुस्तक पर अपने विचार रखते राज्यपाल श्री शुक्ला ने कहा–राष्ट्रीय चरित्र के निर्माण में साहित्य की अहम भूमिका होती है । अपने व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर जब मनुष्य अपने राष्ट्र को महत्व देता है और उसकी सेवा में जी जान से तत्पर होता है तब राष्ट्रीय चरित्र का प्रादुर्भाव होता है । साहित्य में विचारों को आकार देने, परिवर्तन लाने की क्षमता है और यह क्षमता डॉक्टर नीरजा माधव के लेखन में दिखाई देती है।
अपने अध्यक्षीय भाषण में अंतर विश्वविद्यालय अध्यापक शिक्षा केंद्र बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रेम नारायण सिंह ने कहा–डॉ. नीरजा माधव ने ‘अर्थात राष्ट्रवाद’ नामक पुस्तक के कुल 14 अध्याय में राष्ट्रवाद के विभिन्न पक्षों पर अत्यंत प्रामाणिकता के साथ सारगर्भित विवरण प्रस्तुत किया है, जो शिक्षा जगत समाज और मानवता के लिए उपयोगी होगा।
अपने लेखकीय संबोधन में डॉ. नीरजा माधव ने कहा कि राष्ट्रवाद के अस्तित्व में आए बिना व्यक्ति मानवतावादी नहीं हो सकता और इस प्रकार अंतरराष्ट्रवादी भी नहीं हो सकता। राष्ट्रवाद किसी भी देश के नागरिकों की अपने देश के प्रति एक रागात्मक भावना है, जो उसे उसी तरह उत्तराधिकार में मिली होती है जैसे उसके देश के प्राकृतिक संसाधन, संस्कृति, परंपराएं आदि मिली होती हैं। 21वीं सदी आते-आते कुछ थोड़े से वक्रपंथियों द्वारा राष्ट्रवाद को संकीर्ण और सांप्रदायिक रूप देने की कोशिशें की जाने लगीं, तब मन में आया कि राष्ट्रवाद का मूल स्वरूप नई पीढ़ियों और समाज के सामने आना चाहिए। उसी का परिणाम है- अर्थात् राष्ट्रवाद।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. राम सुधार सिंह ने कहा कि जैसे गंगोत्री से निकलती हुई गंगा पहाड़ों में विविध नामो से प्रवाहित होती हुई मैदानी भाग को हरीतिमा प्रदान करती है, किंतु उसका लक्ष्य तो अनंत महासागर होता है। उसी प्रकार नीरजा जी के साहित्य का उत्स कविता, कहानी, उपन्यास, निबंध जैसी विविध विधाओं के रूप में एक बड़े पाठक वर्ग को आनंद प्रदान करता है किंतु सभी का लक्ष्य राष्ट्रीय और सांस्कृतिक चिंतन के साथ अपने साहित्य की प्रत्येक धारा को इस महान राष्ट्र की अस्मिता को समर्पित कर देना है। नीरजा जी के लेखन प्रक्रिया का कैनवास बहुत बड़ा है। अपने कथा साहित्य में वे उन विषयों को उठाती हैं जो प्राय: अब तक अछूते रहे हैं। यमदीप, गेशे जम्पा जैसे उपन्यासों के साथ उनकी तमाम कहानियां इसके प्रमाण हैं। राष्ट्रीय और सांस्कृतिक चिंतन के संबंध में डॉ माधव की अपनी स्पष्ट दृष्टि है।
विशिष्ट अतिथि प्रो. अरविंद जोशी ने वैश्वीकरण की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए भारत के विस्तृत सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को स्पष्ट किया और कहा कि राष्ट्रवाद की पश्चिमी लेंस से संकुचित एवं गलत व्याख्या गंभीर संकट पैदा कर रही है। डॉ.नीरजा की यह कृति मात्र साहित्यिक ही नहीं है,बल्कि यह भारतीय राष्ट्रवाद को समझने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका में है।
सभा को विशिष्ट अतिथि पद से संबोधित करते हुए पत्रकार एवं स्वराज एक्सप्रेस राष्ट्रीय चैनल के प्रभारी श्री धर्मेंद्र त्रिपाठी ने डॉ.नीरजा माधव की रचनाओं को सामाजिक मूल्य और राष्ट्र की एकता का आधार बताया जो आने वाली पीढियां को भी अपनी संस्कृति मूल्य और देश के प्रति अगाध प्रेम के लिए सदैव प्रेरित करती रहेंगी।
अपने संपादकीय उद्बोधन में डॉ. कवीन्द्र नारायण श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों पुस्तकों के संपादन के दौरान नीरजा जी की समग्र कृतियों का गहन अध्ययन करने के बाद यदि नीरजा जी को “कथा क्वीन” कहा जाए तो भारतीय साहित्य जगत की ओर से उनके लिए यह सबसे उपयुक्त उपाधि होगी। कहानियों और उपन्यासों का एक विपुल संसार उन्होंने साहित्य समाज को दिया है। उन्होंने कहा कि नीरजा जी के शब्दों में अमोघ शक्ति है जो पाठक की अंतरात्मा को गहराई से झकझोरती है। आए हुए अतिथियों का स्वागत एवं मंच संचालन डॉ. बेनी माधव ने किया और धन्यवाद ज्ञापन पद्मनाभ त्रिवेदी ने किया।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here