अजरबैजान-आर्मेनिया के बीच शांति समझौता, राष्ट्रपति अलीयेव ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की वकालत की

0
42
अजरबैजान-आर्मेनिया के बीच शांति समझौता, राष्ट्रपति अलीयेव ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की वकालत की

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अजरबैजान और आर्मेनिया ने शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ एक बैठक के दौरान अमेरिका की मध्यस्थता में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए। वहीं इस शांति समझौते के साथ दोनों देशों के बीच दशकों से चल रहा संघर्ष खत्म होगा और द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच यह समझौता अगर यह समझौता सफल होता है तो ट्रंप प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि होगी, जो निश्चित रूप से मॉस्को को झकझोर देगी, जो इस क्षेत्र को अपने प्रभाव क्षेत्र में मानता है। व्हाइट हाउस में एक हस्ताक्षर समारोह में ट्रंप ने कहा कि लंबे समय से करीब 35 साल से वे लड़ रहे हैं और अब वे दोस्त हैं, और वे लंबे समय तक दोस्त बने रहेंगे। इस समारोह में उनके साथ अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और अर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोल पाशिनयान भी मौजूद थे। आर्मेनिया और अजरबैजान 1980 के दशक से विवादों में रहे हैं, जब नागोर्नो-काराबाख, एक पहाड़ी अजरबैजानी क्षेत्र, जिसमें ज्यादातर अर्मेनियाई मूल के लोग रहते हैं, आर्मेनिया के समर्थन से अजरबैजान से अलग हो गया था। अजरबैजान ने 2023 में इस क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण वापस ले लिया, जिससे इस क्षेत्र के लगभग सभी 1,00,000 अर्मेनियाई मूल के लोग आर्मेनिया भाग गए। तब से इस क्षेत्र में विवाद है

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ट्रंप ने कहा कि दोनों देशों ने लड़ाई बंद करने, राजनयिक संबंध खोलने और एक-दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की प्रतिबद्धता जताई है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने ऊर्जा, व्यापार और कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित प्रौद्योगिकी पर सहयोग बढ़ाने के लिए प्रत्येक देश के साथ अलग-अलग समझौते किए हैं। उन्होंने कहा कि अजरबैजान और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग पर लगे प्रतिबंध भी हटा दिए गए हैं। दोनों नेताओं ने संघर्ष को समाप्त करने में मदद के लिए ट्रंप की प्रशंसा की और कहा कि वे उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित करेंगे। अजरबैजान के राष्ट्रपति अलीयेव ने कहा अगर राष्ट्रपति ट्रंप नहीं तो कौन नोबेल शांति पुरस्कार का हकदार है? ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के शुरुआती महीनों में खुद को एक वैश्विक शांतिदूत के रूप में पेश करने की कोशिश की है। व्हाइट हाउस उन्हें कंबोडिया और थाईलैंड के बीच युद्धविराम कराने और रवांडा और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और पाकिस्तान और भारत के बीच शांति समझौते कराने का श्रेय देता है। हालांकि, वह यूक्रेन में रूस के युद्ध या गाजा में हमास के साथ इजरायल के संघर्ष को समाप्त करने में सफल नहीं हो पाए हैं।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here