मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने रविवार को ओमान की राजधानी मस्कत में आठवें भारतीय सागर सम्मेलन में कहा कि ये सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब पूरा विश्व परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यवस्था में परिवर्तन को नए विचारों और सिद्धांतों के अलावा उभरते परिदृश्य से भी समझा जा सकता है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि भारतीय सागर क्षेत्र भी इस नियम से अलग नहीं है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, उन्होंने कहा कि भारतीय सागर सम्मेलन अनेक भागीदारों को एकजुट कर रहा है। उन्होंने भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे के लिए सामूहिकता की भावना की चर्चा की। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना के संबंध में उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी जैसी परियोजनाएं सलाह-मशवरे से और पारदर्शिता रखते हुए ही शुरू की जानी चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, वियतनाम और मॉरीशस सहित अन्य देशों की नौसेना और तटरक्षकों को भी प्रशिक्षण दे रहा है।
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