मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया विभाग में निदेशक के रूप में नियुक्त किया है। बुधवार को अमेरिकी सीनेट द्वारा उनकी नियुक्ति की पुष्टि की गई। तुलसी गबार्ड भारतीय मूल की अमेरिकी नेता हैं जो पहले डेमोक्रेटिक कांग्रेस सदस्य रही और बाद में ट्रंप की सहयोगी बन गईं। साल 2019 में तुलसी गबार्ड ने डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की प्राथमिक बहस में कमला हैरिस को शिकस्त दी थी। तुलसी गबार्ड की नियुक्ति को लेकर रिपब्लिकन पार्टी शुरू से विरोध में थी, जिसके बाद सीनेट में वोटिंग का फैसला लिया गया। सीनेट में 52 वोट तुलसी के पक्ष में पड़े और 46 उनके विरोध में पड़े। जिसके बाद एक विवादास्पद नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गई, जिसने उनके पिछले राजनीतिक पदों और बयानों पर कांग्रेस और जनता दोनों के भीतर गहरे मतभेदों को उजागर किया।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, तुलसी गबार्ड एक सैनिक भी रह चुकीं हैं और विभिन्न मौकों पर मध्य पूर्व और अफ्रीका के युद्ध क्षेत्रों तैनात रही हैं। वह कुछ समय पहले डेमोक्रेट पार्टी से अलग हो गई थीं और चुनाव के समय रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हुई थीं। साल 2019 में तुलसी गबार्ड ने डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद की प्राथमिक बहस में कमला हैरिस को शिकस्त दी थी। हालांकि वे राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में पिछड़ गईं। साल 2022 में वो डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़कर रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हो गईं थीं। ट्रंप ने चुनावी बहस में हैरिस को हराने के लिए तुलसी से मदद भी मांगी थी। अमेरिकी में जन्मी तुलसी गबार्ड के पिता समोआ और यूरोपीय वंश के हैं। हिंदू धर्म में उनकी रुचि के कारण उन्होंने उनका नाम तुलसी रखा।
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