मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिका में एक संघीय जज ने गुरुवार को जन्मजात नागरिकता को सीमित करने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के कार्यकारी आदेश को लागू करने पर रोक लगा दी है। हालांकि अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने देशव्यापी निषेधाज्ञाओं का इस्तेमाल करके ट्रंप की नीतियों को रोकने की जजों की क्षमता को सीमित कर दिया था। न्यू हैम्पशायर के कानकार्ड में अमेरिकी जिला जज जोसेफ एन. लाप्लांटे ने यह फैसला तब सुनाया जब अप्रवासी अधिकारों के पैरोकारों ने उनसे उनके मुकदमे को सामूहिक कार्रवाई का दर्जा देने का अनुरोध किया। इसमें उन्होंने उन शिशुओं का प्रतिनिधित्व करने की मांग की जिनकी ट्रंप के आदेश के कार्यान्वयन से नागरिकता को खतरा होगा। लाप्लांटे ने इस बात पर सहमति जताई कि वादी सामूहिक रूप से आगे बढ़ सकते हैं। इससे उन्हें ट्रंप की नीति के राष्ट्रीय स्तर पर कार्यान्वयन को रोकने के लिए नया न्यायिक आदेश जारी करने की अनुमति मिल गई। उन्होंने कहा कि अगर ट्रंप का आदेश लागू हो गया तो बच्चों की अमेरिकी नागरिकता छिन सकती है। यह अपूरणीय क्षति होगी, यह दुनिया का सबसे बड़ा विशेषाधिकार है। उन्होंने कहा कि उनका निर्णय पूरे देश में उन शिशुओं पर लागू होगा जो कार्यकारी आदेश से प्रभावित होंगे, जिनमें स्थायी कानूनी स्थिति से वंचित माता-पिता के बच्चे और 20 फरवरी या उसके बाद छात्र वीजा पर अमेरिका में शिक्षाविदों के यहां जन्मे बच्चे शामिल हैं।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, जज ने कहा कि ट्रंप प्रशासन को अपील करने का अवसर देने के लिए सात दिनों के लिए उनके फैसले पर रोक रहेगी।अमेरिकन सिविल लिबर्टी यूनियन और अन्य ने यह मुकदमा सुप्रीम कोर्ट के 27 जून के उस फैसले के कुछ घंटों बाद दायर किया था, जिसमें उसने 6-3 के बहुमत से ट्रंप के निर्देश को दी गई अलग-अलग चुनौतियों में जजों द्वारा जारी तीन राष्ट्रव्यापी निषेधाज्ञाओं पर रोक लगा दी थी। यह मुकदमा अमेरिका में रहने वाले गैर-अमेरिकी नागरिकों की ओर से दायर किया गया था जिनके बच्चे प्रभावित हो सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत ट्रंप का कार्यकारी आदेश 27 जुलाई से प्रभावी होगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में एक अपवाद का लाभ उठाते वादी के वकीलों ने तर्क दिया कि यह फैसला जजों को सामूहिक कार्रवाई के मुकदमों में राष्ट्रव्यापी आधार पर ट्रंप की नीतियों पर रोक जारी रखने की अनुमति देता है। हालांकि न्याय विभाग का तर्क है कि ट्रंप का आदेश संविधान के अनुरूप है। उसने लैप्लांटे से कहा कि वह पता लगाएं कि वादी एक वर्ग के रूप में मुकदमा नहीं कर सकते। गौरतलब है कि ट्रंप का आदेश संघीय एजेंसियों को अमेरिका में जन्मे उन बच्चों की नागरिकता देने से इनकार करने का निर्देश देता है जिनके कम से कम एक माता-पिता अमेरिकी नागरिक या वैध स्थायी निवासी नहीं हैं। जबकि अमेरिकी संविधान अमेरिका में जन्मे लोग स्वत: ही नागरिक हो जाते हैं, चाहे उनके माता-पिता की इमिग्रेशन स्थिति कुछ भी हो।
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