मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अरब देशों ने गाजा के लिए 53 बिलियन डॉलर की पुनर्निर्माण योजना को मंजूरी दे दी है जिसका उद्देश्य फिलिस्तीनियों को विस्थापित होने से बचाना है। इस योजना को कल मिस्र की राजधानी काहिरा में आपातकालीन अरब शिखर सम्मेलन के समापन पर अरब नेताओं के पूर्ण समर्थन के साथ स्वीकार किया गया। मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती ने बताया कि इस योजना में गाजा पट्टी में एक बंदरगाह और एक हवाई अड्डे की स्थापना और गाजा में विनाश से बचे स्थानों का पुर्ननिर्माण शामिल है। अरब नेताओं ने आगाह किया कि फिलिस्तीनी लोगों को विस्थापित करने या कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र के किसी भी हिस्से को अपने में मिलाने का कोई भी प्रयास इस क्षेत्र को संघर्ष के एक नए चरण में ले जाएगा। यह क्षेत्र में स्थिरता के अवसरों को कमजोर करेगा और इससे अन्य देशों में संघर्ष का विस्तार हो सकता है। उन्होंने मांग की कि इजरायल को गाजा पट्टी से पूरी तरह से हट जाना चाहिए जिसमें गाजा और मिस्र के बीच फिलाडेल्फिया कॉरिडोर भी शामिल है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इजरायल के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ओरेन मार्मोरस्टीन ने एक बयान में इस योजना को खारिज कर दिया। उन्होंने अमरीका के राष्ट्रपति ट्रम्प की योजना के लिए इजरायल के समर्थन को दोहराया। उन्होंने कहा कि अरब नेता सात अक्टूबर को हुए हमलों और उसके बाद इजरायल में हुए नुकसान को समझने में विफल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने मिस्र द्वारा तैयार की गई योजना का समर्थन करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की तत्परता पर जोर दिया और कहा कि गाजा को फिलिस्तीन राज्य का हिस्सा बना रहना चाहिए। इस बीच हमास ने शिखर सम्मेलन के परिणामों का स्वागत करते हुए कहा कि यह फिलिस्तीनी मुद्दे के लिए महत्वपूर्ण राजनीतिक समर्थन को दर्शाता है।
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