मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी ऊषा ने मंगलवार को कैग रिपोर्ट को लेकर कोषाध्यक्ष सहदेव यादव के दावों का खंडन किया कि रिलायंस इंडिया लिमिटेड (आरआईएल) के साथ दोषपूर्ण प्रायोजन समझौते के कारण इस शीर्ष खेल संघ को 24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। पीटी ऊषा ने कहा कि यह उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की चाल है और उन्होंने ‘भ्रामक जानकारी’ देने वाले व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की धमकी दी। आईओए अध्यक्ष ऊषा ने कैग रिपोर्ट में सहदेव यादव द्वारा किए गए दावों का जोरदार खंडन किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि उन्होंने आईओए कार्यकारी परिषद की जानकारी के बिना काम किया। उनके अनुसार ये दावे उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने और आईओए को बदनाम करने के जानबूझकर किए गए प्रयास का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि इससे जुड़ी बातचीत का प्रस्ताव नौ सितंबर 2023 को कार्यकारी परिषद के सभी सदस्यों के साथ साझा किया गया था।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसके बाद कार्यवाहक सीईओ ने पांच अक्टूबर 2023 को इससे जुड़े पत्र को आगे बढ़ाया। प्रायोजन समिति का प्रतिनिधित्व करने वाले रोहित राजपाल उन बैठकों में उपस्थित थे जहां प्रायोजन को लेकर चर्चा हुई थी। आईओए और आरआईएल के बीच एक अगस्त 2022 के प्रायोजन समझौते की शर्तों के अनुसार आरआईएल को एशियाई खेलों (2022, 2026), राष्ट्रमंडल खेलों (2022, 2026), 2024 पेरिस ओलंपिक और 2028 लास एंजिलिस ओलंपिक के लिए आधिकारिक प्रमुख भागीदार के रूप में आईओए के साथ जुड़ने की अनुमति दी गई थी। ऊषा ने कहा कि आरआईएल के साथ सौदे को दोबारा तैयार करते समय उचित प्रक्रिया का पालन किया गया। यह सुनिश्चित किया गया था कि कोई वित्तीय नुकसान न हो। जनता को गुमराह करने या आईओए के प्रयासों को कमजोर करने के किसी भी प्रयास पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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