मुंबई: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में चुनाव नतीजे सामने आने के के बाद से चला आ रहा राजनीतिक गतिरोध समाप्त हो चुका है। इससे राज्य में नई सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। मंगलवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। इस बैठक में नई सरकार के गठन के लिए एक अस्थायी व्यवस्था तय की गई। आपको बता दें कि नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को होगा। इससे पहले आज भाजपा विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा।
फडणवीस और शिंदे ने अस्थायी रूप से विभागों और कैबिनेट में हिस्सेदारी के मुद्दों को टालने का फैसला किया है ताकि गुरुवार को नई सरकार कार्यभार संभाल सके। इन मुद्दों को सरकार बनने के बाद सुलझाया जाएगा।
महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा इसपर से सस्पेंस खत्म हो गया है, सर्व सम्मति से देवेंद्र फडणवीस के नाम पर सहमति बन गई है, कोर कमेटी की बैठक में ये फैसला लिया गया, देवेंद्र फडणवीस आज दोपहर 3:30 बजे राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
अब तक जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक मुंबई के आजाद मैदान में कल 5 दिसंबर को शपथ समारोह होगा जिसमें देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ कल ही एकनाथ शिंदे और अजीत पवार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, कल केवल ये तीन ही शपथ होंगी।
केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में विधायक दल की बैठक
केंद्रीय पर्यवेक्षकों केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की मौजूदगी में महाराष्ट्र विधानसभा भवन में विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है। जानकारी के मुताबिक भाजपा नेता चंद्रकांत पाटिल और सुधीर मुनगांटीवार देवेंद्र फडणवीस के नाम का प्रस्ताव रखेंगे और सभी विधायक नाम पर मुहर लगाएंगे।
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कल 5 दिसंबर को आजाद मैदान में शाम 5 बजे शपथ ग्रहण समारोह
निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक पांच दिसंबर यानि कल शाम पांच बजे दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा कई केंद्रीय मंत्रियों और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री समारोह में हिस्सा लेंगे।
तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे देवेंद्र फडणवीस
आपको बता दें कि देवेंद्र फडणवीस तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वे पहली बार 2014 में मुख्यमंत्री बने थे और उन्होंने पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा किया था लेकिन 2019 में वे केवल 80 घंटे ही सीएम की कुर्सी पर रहे। अब वे 5 दिसंबर को एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगे।
30 से अधिक विधायक लेंगे शपथ
महायुति गठबंधन (बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी) के 30 से अधिक विधायकों को मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। हालांकि, चुनाव परिणाम घोषित होने के 10 दिन बाद भी महायुति के तीनों सहयोगी दल कैबिनेट में हिस्सेदारी और विभागों के आवंटन को लेकर सहमति नहीं बना सके हैं।
एकनाथ शिंदे की मांगें
एकनाथ शिंदे शिवसेना के शानदार प्रदर्शन के बावजूद मुख्यमंत्री पद बीजेपी को सौंप चुके हैं। उन्होंने डिप्टी सीएम और गृह मंत्रालय की मांग की है। इसके अलावा, उन्होंने कुछ अन्य प्रमुख विभागों और विधानसभा अध्यक्ष का पद भी मांगा है। हालांकि बीजेपी गृह मंत्रालय और विधानसभा अध्यक्ष का पद देने को तैयार नहीं है, लेकिन अन्य विभागों पर बातचीत करने को तैयार है।
बातचीत से टूटा गतिरोध
सोमवार को बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने ठाणे स्थित एकनाथ शिंदे के आवास पर उनसे मुलाकात की। इसके बाद मंगलवार को मुंबई के ‘वर्षा’ निवास पर शिंदे और फडणवीस के बीच करीब 30 मिनट की बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं ने शपथ ग्रहण में शामिल किए जाने वाले मंत्रियों की संख्या तय कर ली है।
शिवसेना और एनसीपी की मांगें
एनसीपी प्रमुख अजीत पवार ने सात कैबिनेट और चार राज्य मंत्री पद, केंद्र में एक कैबिनेट मंत्री और राज्यपाल का पद मांगा है। वहीं, शिवसेना ने गृह मंत्रालय और विधानसभा अध्यक्ष का पद मांगा है। वहीं, बीजेपी ने संकेत दिया है कि शिवसेना को 11-12 मंत्री पद और एनसीपी को 9-10 मंत्री पद दिए जा सकते हैं, जबकि बीजेपी 22-23 मंत्री पद अपने पास रखेगी।
बीजेपी के सामने चुनौती
बीजेपी शिंदे को इस तरह नाराज नहीं करना चाहती जिससे यह लगे कि पार्टी ने शिवसेना को तोड़ने के बाद उन्हें किनारे कर दिया। साथ ही मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में आगामी नगर निगम चुनावों में शिंदे की अहम भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। शिंदे अपने समर्थकों और पार्टी में अपनी साख बनाए रखने के लिए गृह मंत्रालय जैसे प्रमुख विभाग की मांग पर अड़े हैं।
अजित पवार गुट ने किया बीजेपी का समर्थन
मुंबई में बीजेपी की बैठक से पहले नई सरकार में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी कोटे से कितने-कितने मंत्री होंगे, इसे लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं. 23 नवंबर 2024 को आए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद महायुति के भीतर नई सरकार में हिस्सेदारी को लेकर काफी बवाल हो रहा है. इसे लेकर देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, अजित पवार कई बार दिल्ली का दौरा भी कर चुके हैं. बताया जा रहा है कि अजित पवार के गुट ने सीएम पद को लेकर बीजेपी का समर्थन किया, जिसके बाद शिवसेना (शिंदे गुट) कमजोर पड़ गई. ऐसे में अब शिवसेना का पूरा फोकस बड़े मंत्रालयों पर है.
इस बार महाराष्ट्र चुनाव में महायुति को प्रचंड बहुमत मिली है। बीजेपी महायुति से किसी भी तरह मनमुटाव नहीं चाहने के साथ-साथ यह भी संदेश देना चाहती है कि सीएम पद और मंत्रालयों का बंटवारा अपनी सहमति से हुआ है। हालांकि एकनाथ शिंदे और अजित पवार यह कह चुके हैं कि वे बीजेपी हाईकमान के फैसले के साथ हैं।
बीजेपी को देनी होगी कुर्बानियां
बताया जा रहा है कि नई सरकार में बीजेपी करीब 22 मंत्रालय का दावा कर रही है। बीजेपी गृह मंत्रालय भी अपने पास रखना चाहती है। वहीं शिवसेना 12 मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है. पिछली सरकार में जब शिंदे सीएम बने थे तो उस समय गृह विभाग बीजेपी के पास था। शिवसेना गुट इसी फॉर्मूले को फिर से अपनाकर गृह विभाग का दावा ठोक रही है. शिंदे की शिवसेना को शहरी विकास मंत्रालय मिल सकता है।
वित्त विभाग अजित पवार को मिल सकता है
महाराष्ट्र की सरकार में जब अजित पवार शामिल हुए थे तो बीजेपी-शिवसेना को कई बड़े मंत्रालय छोड़ने पड़े थे। एनसीपी कोटे से अजित पवार खुद वित्त मंत्री बने थे. इस बार भी उनका वित्त मंत्रालय लेने पर फोकस है। बताया जा रहा है कि राज्य की नई सरकार में एनसीपी के 10 मंत्री बनाए जा सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विधानसभा स्पीकर और विधान परिषद के चेयरमैन पर पद भी एनसीपी को मिल सकता है।
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