आज मातृ दिवस पर महादेवी वर्माजी की हृदयस्पर्शी पंक्तियाँ

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ठंडे पानी से नहलातीं,
ठंडा चंदन इन्हें लगातीं,
इनका भोग हमें दे जातीं,
फिर भी कभी नहीं बोले हैं।
माँ के ठाकुर जी भोले हैं.. – महादेवी वर्मा

 

Source: काव्य-कृति

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