काहिरा: मीडिया में आई खबर के अनुसार, मिस्र के कहिरा में विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने कहा है कि- यह साल एक अंतराल के बाद पहला साल है या शायद पहली बार है जब मिस्र ने भारत से गेहूं लिया। दुर्भाग्य से हमारे कृषि के लिए एक कठिन वर्ष साबित हुआ और इसलिए कुछ पर्याप्त आपूर्ति ऐसी थी जिसे हम जारी रख सकें। विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर में यहाँ कहा कि, लेकिन इसमें एक सबक ये है कि भारत से मिस्र की सोर्सिंग खाद्य आपूर्ति के लिए जोखिम भरा है जो अन्यथा बहुत संकीर्ण भूगोल पर बहुत निर्भर था। आज दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक उर्वरक आपूर्ति की सुरक्षा भी है। उन्होंने बताया कि, कागज पर हो सकता है कि उर्वरक व्यापार के लिए कोई बाधा न हो, लेकिन वास्तव में चुनौतियां हैं। इस हद तक विश्वसनीय आपूर्ति हैं जिन्हें अनुमानित आधार पर एक्सेस किया जा सकता है। यह खाद्य सुरक्षा में सीधे योगदान देता है। इन दोनों को आपसी लाभ के लिए अनलॉक किया जा सकता है। विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने कहा कि, इसके आलावा हमें निवेश की उन संभावनाओं को भी देखना होगा जो हमारे लिए अच्छे हो सकते हैं।
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