इसरो का आदित्य-L1 स्पेसक्राफ्ट 127 दिनों में 15 लाख किमी का सफर तय करने के बाद सन-अर्थ लैग्रेंज पॉइंट 1 (L1) तक पहुंच जाएगा। इसरो का सोलर मिशन आदित्य एल1 शनिवार को अपनी अंतिम मंजिल पर पहुंच जाएगा। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत की पहली अंतरिक्ष-आधारित सौर वेधशाला आदित्य एल 1 अंतरिक्ष यान को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित उसकी अंतिम कक्षा में आज स्थापित करने के लिए सभी तैयारियों को पूरा कर लिया गया है। गौरतलब है कि लैग्रेंज पॉइंट 1 या एल1 पॉइंट, पृथ्वी और सूर्य के बीच पांच संतुलन बिंदुओं में से एक है। इस बिंदु पर दोनों पिंडों के गुरुत्वाकर्षण बल समान होते हैं, जिससे वहां एक छोटी वस्तु स्थिर स्थिति में बनी रह सकती है।
मीडिया की माने तो, पृथ्वी और सूर्य के बीच लैग्रेंज पॉइंट 1 (L1) पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य के सामने की दिशा में स्थित है। इस बिंदु पर मिलने वाली शानदार स्थिरता के कारण इसरो का लक्ष्य आदित्य एल1 को लैग्रेंज पॉइंट 1 (एल1) पर स्थापित करना है। इसरो अधिकारियों के मुताबिक अंतरिक्ष यान को शनिवार शाम करीब 4 बजे लैग्रेंज पॉइंट 1 (L1) के आसपास एक कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह आदित्य L1 को इच्छित कक्षा में बांध देगा और इसे सूर्य की ओर बढ़ने से रोक देगा। आदित्य एल1 मिशन का प्रमुख उद्देश्य सूर्य के ऊपरी वायुमंडलीय (क्रोमोस्फीयर और कोरोना) की गतिशीलता का अध्ययन करना है।
After a journey of 127 days, the #AdityaL1 spacecraft, India’s first solar mission, will enter the final orbit today afternoon, its desired destination from where it will make observations of the Sun for the next five yearshttps://t.co/hJNaUpkD5n
— The Indian Express (@IndianExpress) January 6, 2024
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