नई दिल्ली स्थित केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान के अनुसंधान अधिकारी (आयुर्वेद) डॉ. अमित ने सीएसआईआर- निस्पर की ओर से आयुर्वेद@2047 पर आयोजित विशेष सत्र में अपना एक मुख्य व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा, “आहार, पानी पीना, नींद, काम और मानसिक संतुलन स्वस्थ जीवन जीने के प्रमुख कारक हैं। आयुर्वेद शरीर, इंद्रियों, मस्तिष्क और आत्मा का विज्ञान है। यह ज्ञान का एक विषय है, जिसका सीधा संबंध मानव स्वास्थ्य और कल्याण से है।” उनके व्याख्यान की विषयवस्तु “वृद्धजनों और मानसिक स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देने के साथ स्वस्थ रहने के लिए आयुर्वेद के मूल सिद्धांत” थी। यह कार्यक्रम आयुष मंत्रालय की ओर से वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद- राष्ट्रीय विज्ञान संचार एवं नीति अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-निस्पर), नई दिल्ली के सहयोग से 11 अक्टूबर, 2022 को आयोजित किया गया।
इस अवसर पर सीएसआईआर- निस्पर की निदेशक प्रोफेसर रंजना अग्रवाल ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि भारतीय संस्कृति मानव स्वास्थ्य की समग्र अवधारणा में शरीर, मस्तिष्क और आत्मा के सामंजस्य की बात करती है और यह भारतीय पारंपरिक ज्ञान प्रणाली की प्रमुख विशेषता है। इसके अलावा प्रोफेसर अग्रवाल ने सीएसआईआर- निस्पर के वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित सामाजिक पारंपरिक ज्ञान (स्वास्तिक) कार्यक्रम के हालिया योगदान का भी उल्लेख किया। उन्होंने इस कार्यक्रम से प्राप्त सह-संबंध व अंतर्दृष्टि प्रदान कीं, जो हमारे देश के आयुर्वेद और पारंपरिक ज्ञान प्रणाली को मूल्यवान बनाते हैं।
सीएसआईआर- निस्पर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुमन रे ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। इस कार्यक्रम का संचालन अनिरुद्ध तिवारी ने किया। इस विशेष सत्र के बाद भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने एक नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का भी आयोजन किया। इसमें मंत्रालय के आयुर्वेद विशेषज्ञों ने सीएसआईआर- निस्पर से जुड़े कर्मचारियों को चिकित्सा परामर्श प्रदान की।
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