आरबीआई की रिपोर्ट में दावा: वित्तीय प्रणाली जुझारू, बैंकों का कुल एनपीए कई साल के निचले स्तर 2.8% पर आया

0
87
आरबीआई की रिपोर्ट में दावा: वित्तीय प्रणाली जुझारू, बैंकों का कुल एनपीए कई साल के निचले स्तर 2.8% पर आया
Image Source : Social Media

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली मजबूत एवं जुझारू बनी हुई है क्योंकि सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (जीएनपीए) अनुपात मार्च 2024 के अंत में कई साल के निचले स्तर 2.8 प्रतिशत पर आ गया है। आरबीआई ने गुरुवार को जून की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) जारी करते हुए कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का जीएनपीए अनुपात कई वर्षों के निचले स्तर 2.8 प्रतिशत पर आ गया, जबकि शुद्ध गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनएनपीए) अनुपात मार्च, 2024 के अंत में 0.6 प्रतिशत रहा।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली मजबूत एवं जुझारू बनी हुई है, जो वृहद-आर्थिक और वित्तीय स्थिरता से समर्थित है। सुधरे हुए बहीखाते के साथ बैंक एवं वित्तीय संस्थान निरंतर ऋण विस्तार के जरिये आर्थिक गतिविधि का समर्थन कर रहे हैं।’’ रिपोर्ट कहती है कि मार्च के अंत में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का पूंजी और जोखिम-भारित संपत्ति का अनुपात (सीआरएआर) और समान इक्विटी टियर 1 (सीईटी 1) अनुपात क्रमशः 16.8 प्रतिशत और 13.9 प्रतिशत रहा। एफएसआर रिपोर्ट के मुताबिक, ऋण जोखिम के लिए व्यापक तनाव संबंधी परीक्षणों से पता चलता है कि वाणिज्यिक बैंक न्यूनतम पूंजी जरूरतों का अनुपालन करने में सक्षम होंगे। वित्त वर्ष के अंत में प्रणालीगत सीआरएआर बेसलाइन, मध्यम और गंभीर तनाव परिदृश्यों के तहत क्रमशः 16.1 प्रतिशत, 14.4 प्रतिशत और 13.0 प्रतिशत होने का अनुमान है। रिपोर्ट कहती है कि ये परिदृश्य काल्पनिक झटकों के तहत किए गए कठोर रुढ़िवादी आकलन हैं और परिणामों की व्याख्या पूर्वानुमान के तौर पर नहीं की जानी चाहिए। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट कहती है कि मार्च, 2024 के अंत में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) की सेहत स्वस्थ बनी हुई थी। उनका सीआरएआर 26.6 प्रतिशत, जीएनपीए अनुपात 4.0 प्रतिशत और परिसंपत्तियों पर रिटर्न (आरओए) 3.3 प्रतिशत पर था। वैश्विक अर्थव्यवस्था के संदर्भ में रिपोर्ट कहती है कि यह लंबे समय से चल रहे भू-राजनीतिक तनाव, बढ़े हुए सार्वजनिक ऋण और मुद्रास्फीति में गिरावट की धीमी रफ्तार से बढ़े हुए जोखिमों का सामना कर रही है। हालांकि, एफएसआर रिपोर्ट कहती है कि इन चुनौतियों के बावजूद वैश्विक वित्तीय प्रणाली जुझारू बनी हुई है और वित्तीय स्थितियां स्थिर हैं। गुरुवार को जारी एफएसआर रिपोर्ट की प्रस्तावना में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय प्रणाली के सभी हितधारकों से कहा है कि वे संचालन व्यवस्था को ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ दें।

#dailyaawaz #newswebsite #news #newsupdate #hindinews #breakingnews #headlines #headline #newsblog #hindisamachar #latestnewsinhindi

Hindi news, हिंदी न्यूज़ , Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, Breaking News in Hindi, ताजा ख़बरें

Google search engine

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here