मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,भारतीय रिजर्व बैंक पुलिस की तरह काम नहीं करता है, बल्कि वह वित्तीय बाजार पर कड़ी निगरानी रखता है और जब भी जरूरी होता है, नियामकीय कार्रवाई करता है। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में यह बात कही।केंद्रीय बैंक की ओर से सचिन बंसल की नवी फिनसर्व और तीन अन्य एनबीएफसी को 21 अक्टूबर की कारोबार समाप्ति से ऋण स्वीकृत करने और वितरित करने से रोकने के निर्देश देने के एक दिन बाद, गवर्नर ने यह टिप्पणी की।
जानकारी के लिए बता दें कि, ब्लूमबर्ग की ओर से आयोजित इंडिया क्रेडिट फोरम में दास ने कहा, “नहीं…हम पुलिसकर्मी नहीं हैं। हम वित्तीय बाजार की निगरानी करते हैं। हम बहुत बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। हम ऋण बाजारों पर निगरानी रखते हैं और…जब जरूरी हो जाता है, हम कार्रवाई करते हैं।”आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि यह भारत का समय है, भारत की विकास गाथा अक्षुण्ण है। मुद्रास्फीति अब लक्ष्य सीमा के काफी भीतर आ गई है। इसके और कम होने की उम्मीद है।उन्होंने कहा कि वास्तव में इसमें महत्वपूर्ण जोखिम हैं, और आरबीआई विकास और मुद्रास्फीति दोनों के संबंध में समग्र दृष्टिकोण की निगरानी करने के प्रति बहुत सावधान है।
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