नई दिल्ली : भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरूण सिंह ने भाजपा मुख्यालय में एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा है कि, “20 जुलाई को स्वामी विजयदास जी ने आत्मदाह किया, 23 जुलाई को उनके प्राण नहीं रहे। 24 जुलाई को हमारी पार्टी द्वारा गठित यह उच्च स्तरीय कमेटी घटनास्थल पर गई। घटनास्थल पर जाने के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट बनाई। वह रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को और माननीय गृहमंत्री जी को भी सौंपी गई है। आसपास के गांवों के जो लोग हमसे मिले, उन्होंने हमसे कहा कि संत विजयदास जी का बलिदान व्यर्थ नहीं जाना चाहिए। विजयदास जी ने अपने प्राणों की आहूति कनकाञ्चल और आदि बद्री पर्वत दोनों ब्रज की 84 कोस परिक्रमा के अंदर आते हैं। इन पर्वतों के पास अवैध खनन हो रहा था। उन्होंने कहा कि, हमने घटनास्थल पर जाकर बहुत ही हृदय विदारक स्थिति वहां देखी। लोगों के मन में राजस्थान सरकार के प्रति बहुत गुस्सा और सरकार के रवैये के प्रति बहुत आक्रोश था। संत विजयदास जी ने आत्मदाह करने से पहले राजस्थान सरकार को चेतावनी भी दी थी। लेकिन गहलोत सरकार कुछ नहीं समझी। अपितु राजस्थान सरकार के मंत्री वहां जा जाकर साधुओं का मजाक उड़ाते थे। इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए। राजस्थान सरकार निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती, इसलिए इसमें CBI जांच होनी चाहिए। उनकी इस मांग का हम भी समर्थन करते हैं कि इस मामलें की CBI जांच अवश्य होनी चाहिए। इससे पर्यावरण और हमारी संस्कृति एवं धार्मिक स्थल को बहुत नुकसान पहुंचाया जा रहा था। इससे क्षुब्ध होकर विजयदास जी और अन्य संत धरने पर बैठे। 551 दिन ये धरना चला, लेकिन उसके बाद भी खनन नहीं रुका।”
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