मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इंफोसिस साइंस फाउंडेशन (आईएसएफ) ने भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए छह लोगों को प्रतिष्ठित इंफोसिस पुरस्कार 2023 देने की बुधवार को घोषणा की। विजेताओं में आईआईटी कानपुर के दो वैज्ञानिक भी शामिल हैं। पुरस्कार 13 जनवरी को प्रदान किए जाएंगे। विजेता छह श्रेणियों, इंजीनियरिंग एवं कंप्यूटर विज्ञान, मानविकी, जीवन विज्ञान, गणितीय विज्ञान, भौतिक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में चुने गए हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि, भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में इस बार मुकुंद थताई को इंफोसिस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। वह नेशनल सेंटर फॉर बॉयोलॉजिकल साइंस में बायोकेमेस्ट्री, बायोफिजिक्स और बायोइंफॉर्मेटिक्स के प्रोफेसर हैं। सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में कोलंबिया विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर करुणा मंतेना का नाम तय किया गया है। उन्हें साम्राज्यवादी शासन के सिद्धांत पर अभूतपूर्व शोध के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा। जीवन विज्ञान के लिए आईआईटी-कानपुर में बायलॉजिकल साइंस और बायोइंजीनियरिंग के प्रोफेसर अरुण कुमार शुक्ला को पुरस्कृत किया जाएगा। इन्हें जी-प्रोटीन युग्मित रिसेप्टर (जीपीसीआर) जीव विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट और दूरगामी योगदान के लिए ये पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। गणितीय विज्ञान यानी मैथमैटिकल साइंसेज के क्षेत्र में यह पुरस्कार इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी एंड प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी में फर्नहोल्ज संयुक्त प्रोफेसर भार्गव भट्ट को प्रदान किया जाएगा।
मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर में सस्टेनेबल एनर्जी इंजीनियरिंग (एसईई) के प्रोफेसर सच्चिदानंद त्रिपाठी को चुना गया है। इन्हें व्यापक पैमाने पर संवेदी आधारित वायु गुणवत्ता नेटवर्क और मोबाइल लैबोरेटरी स्थापित करने के लिए इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। मानविकी के लिए साइंस गैलरी बंगलूरू की संस्थापक निदेशक जाह्नवी फाल्के को चुना गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि, प्रत्येक श्रेणी में पुरस्कार के तौर पर एक स्वर्ण पदक, एक प्रशस्ति पत्र और करीब 83 लाख रुपये (1,00,000 अमेरिकी डॉलर) दिए जाएंगे। ‘इंफोसिस पुरस्कार’ 2023 के लिए विजेताओं का चयन एक अंतरराष्ट्रीय समिति ने किया जिसमें विश्व विख्यात शिक्षाविद् और विशेषज्ञ शामिल रहे। इन पुरस्कारों के लिए 224 उम्मीदवार थे। वर्ष 2008 में इंफोसिस पुरस्कारों की शुरुआत हुई थी।
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