मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, लखनऊ के ठाकुरगंज के नगरिया निवासी श्रीदत्त यादव किराना व्यापारी हैं। श्रीदत्त ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि वर्ष 2018 में उनकी मुलाकात विकास राजबली यादव से हुई। उसने खुद को इसरो में वैज्ञानिक बताया। बातचीत के दौरान श्रीदत्त ने राजबली को बताया कि बेटा मनीष यादव, बेटी बबिता और सरिता यादव भी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। इसकी जानकारी होने पर विकास ने डीआरडीओ में रिसर्चर और लिपिक संवर्ग में नियुक्तियों के बारे में जानकारी दी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरोपित ने दावा किया कि वह खुद वैज्ञानिक है। राष्ट्रपति से भी अच्छे काम के लिए पुरस्कार मिला है। उसने कुछ फोटो भी दिखाए थे, जिसके कारण श्रीदत्त को भरोसा हो गया। वर्ष 2018 में बात शुरु होने के बाद आरोपित ने टुकड़ों में करीब 31 लाख रुपये लिए। विश्वास में लेने के लिए नियुक्ति पत्र भी भेजे। इसके बावजूद नौकरी नहीं लगी, न तो रकम वापस की। इसपर श्रीदत्त ने कोर्ट की मदद से विकास राजबली समेत छह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
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