मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को डिजिटल प्लेटफॉर्म ई-किसान उपज निधि लॉन्च किया। इसकी मदद से किसान पंजीकृत गोदामों में रखी अपनी उपज के बदले लोन ले सकेंगे।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गोयल ने कहा कि इस गेटवे के लॉन्च के साथ किसानों को बिना किसी गारंटी के 7 प्रतिशत ब्याज दर पर आसानी से ऋण मिलेगा। उन्होंने कहा कि वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी जल्द ही गोदाम मालिक की ओर से जमा कराई जाने वाली सुरक्षा राशि को मौजूदा स्टॉक के मूल्य के तीन प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर देगी। किसानों को दिए जाने वाले लोन इलेक्ट्रॉनिक निगोशिएबल वेयरहाउस रसीद (ई-एनडब्ल्यूआर) के आधार पर प्रदान किए जाएंगे।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, वर्तमान में डब्ल्यूडीआरए के तहत 5,500 से अधिक पंजीकृत गोदाम हैं, जबकि कृषि-गोदामों की कुल संख्या लगभग एक लाख का अनुमान है। इस मौके पर गोयल ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए तकनीकी के माध्यम से कृषि को आधुनिक बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
इससे कृषि क्षेत्र को एक आकर्षक व्यवसाय बनाने में भी मदद मिलेगी। मीडिया में आई खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, लोन लेने के बाद भी किसान गोदामों में रखी अपनी उपज को सही समय पर बेच सकेंगे। उन्हें अपनी फसल संकट में बेचने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। डिजिटल गेटवे पर शामिल बैंक किसानों को ब्याज दर और ऋण राशि का विकल्प देंगे।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, मंत्री ने कहा कि सहकारी क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा अनाज भंडारण क्षमता कार्यक्रम शुरू किया गया है। उन्होंने डब्ल्यूडीआरए को सहकारी समितियों की ओर से स्थापित गोदामों को बिना किसी शुल्क के पंजीकृत करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी) और डब्ल्यूडीआरए की ओर से बनाए गए गोदाम आधुनिक हैं, लेकिन उन्होंने उनसे अपने गुणवत्ता मानकों को और अधिक सख्त बनाने को कहा। उन्होंने राज्य एजेंसियों की ओर से संचालित गोदामों को आधुनिक बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
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