राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोपहर ने आज श्रीनगर गढ़वाल स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय यूनिवर्सिटी के 11वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देखकर उन्हें सम्मानित भी किया। राष्ट्रपति ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर कहा कि, मुझे खुशी है कि वर्ष 1973 में स्थापित इस विश्वविद्यालय ने समय के साथ अपने-आप को ढ़ाला है। आज जब हम women-led development की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, तब इस दीक्षांत समारोह की विषय-वस्तु ‘सशक्त महिला, समृद्ध राष्ट्र’ हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय की प्रगतिशील सोच को परिलक्षित करती है। उत्तराखंड में शिक्षा को जीवन में सदैव महत्वपूर्ण स्थान दिया जाता रहा है। यहाँ के लोगों का शिक्षा से लगाव राज्य की साक्षरता दर में भी परिलक्षित होता है जो राष्ट्रीय औसत से बेहतर रहा है। इस क्षेत्र ने हिन्दी साहित्य को कई बड़ी प्रतिभाएं दी हैं।
मीडिया की माने तो, उन्होंने आगे कहा, भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा में उत्तराखंड का योगदान अतुलनीय है। जीवनदायिनी गंगा और यमुना का उद्गम स्थल यहीं है। बदरीनाथ, केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे तीर्थ-स्थल हैं। UNESCO की Intangible Cultural Heritage list में शामिल कुम्भ का मेला है। इस राज्य से अनगिनत जल-स्रोत निकलकर मैदानी भागों में वनस्पतियों, जीव-जंतुओं और मानव को जीवन प्रदान करते हैं। इस राज्य का एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय होने के कारण हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय की ज़िम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। इस विश्वविद्यालय से जुड़े सभी लोगों से यह अपेक्षा की जाती है कि आप शिक्षा को समाज के साथ जोड़ें, उसे समाज की बेहतरी और कल्याण में लगाएँ।
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