उत्तर प्रदेश के हर जिले में उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता, यूपी के कृषि मंत्री बोले- अफवाहों पर ध्यान न दें किसान

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उत्तर प्रदेश के हर जिले में उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता, यूपी के कृषि मंत्री बोले- अफवाहों पर ध्यान न दें किसान

मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने एक बार फिर प्रदेश के सभी जिलों में उर्वरक की पर्याप्त उपलब्धता का दावा किया है। कृषि मंत्री ने किसानों को अफवाहों पर ध्यान न देने और संतुलित मात्रा में उर्वरक का प्रयोग करने का सुझाव भी दिया है।  उन्होंने कहा कि यूरिया और डीएपी का सीमित उपयोग करने के साथ अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए वैकल्पिक उर्वरकों का उपयोग करना जरूरी है, ताकि मिट्टी और पर्यावरण की गुणवत्ता को बनाए रखा जा सके।

मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कृषि मंत्री ने मैनपुरी का विशेष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि जिले में यूरिया, डीएपी, एनपीके और एसएसपी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध कराई गई है, और जल्द ही फास्फेटिक उर्वरकों की अतिरिक्त खेप भी मैनपुरी पहुंचने वाली है। मैनपुरी में उर्वरक उपलब्धता का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अभी वहां 27,896 टन यूरिया, 1,415 टन डीएपी, 2,285 टन एनपीके और 1,869 टन एसएसपी उपलब्ध है। कृषि मंत्री ने किसानों से आग्रह किया है कि वे उर्वरक खरीदते समय आधार कार्ड अवश्य साथ रखें और विक्रेता से कैश मेमो प्राप्त करें। यदि कोई विक्रेता निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत मांगता है या किसी अन्य उत्पाद खरीदने का दबाव डालता है, तो जिला कृषि अधिकारी के नंबरों पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उन्होंने मैनपुरी के जिला कृषि अधिकारी (7839882673, 7839882674) और सहकारिता समिति (7905240645, 9140363250) के नंबर भी जारी किए हैं। वहीं, कृषि उत्पादन आयुक्त मोनिका एस गर्ग ने भी कहा है कि प्रदेश में डीएपी समेत अन्य उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। गुरुवार को लोकभवन में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रदेश में 30 नवंबर तक का हर जिले के लिए पर्याप्त स्टाक मौजूद है। यदि डीएपी के साथ एनपीके को भी जोड़ लें तो मांग से कहीं अधिक खाद प्रदेश में मौजूद है।  हालांकि, कृषि उत्पादन आयुक्त ने यह भी साफ किया कि इस वर्ष यूपी को सरप्लस उर्वरक नहीं मिल रहा है। कहा कि इफको और कृभको के साथ अन्य निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी निर्देश दिया गया है कि 30 प्रतिशत उर्वरक की आपूर्ति सहकारी समितियों को की जाए।  उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए इस वर्ष सहकारी समितियों की क्रेडिट लिमिट भी बढ़ाई गई है। कृषि उत्पादन आयुक्त ने किसानों को मृदा परीक्षण की नसीहत दी है, ताकि जितनी आवश्यकता हो उतना ही उर्वरक का प्रयोग किया जाए।

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