मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ठंड से कोई दम न तोड़ने पाए और न ही कोई ठिठुरे, इसके लिए सरकार की तरफ से कई स्तरों पर प्रबंध किए गए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग में बच्चों के लिए स्वेटर देने की व्यवस्था, उनके अभिभावकों के खाते में धनराशि भेज कर की गई है तो जरूरतमंदों में कंबल का वितरण कराया जा रहा है। आने वाले समय में शीतलहर के दौरान जनमानस और जीव जंतुओं के बचाव के लिए सार्वजनिक स्थानों पर अलाव की भी व्यापक व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर जरूरतमंद को सम्मानजनक आश्रय देने के लिए डबल इंजन की सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान दिए गए हैं तो शहर में किसी कार्य से आने वाले आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए निशुल्क रैन बसेरों की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री मंगलवार की देर शाम महानगर के चार रैन बसेरों का निरीक्षण करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने रेलवे स्टेशन, कचहरी, धर्मशाला और गोरखनाथ क्षेत्र में झूलेलाल मंदिर के पास स्थित रैन बसेरों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने रैन बसेरों में रह रहे लोगों का कुशलक्षेम पूछने के साथ ही व्यवस्था के बारे में भी फीडबैक लिया।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर जरूरतमंद को रैन बसेरों में अच्छी सुविधा दी जाए। प्रशासन को इसे प्राथमिकता पर लेते हुए यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी रैन बसेरों में पर्याप्त संख्या में बिस्तर व कंबल का इंतजाम हो। साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाए। साथ ही यदि किसी के पास भोजन की व्यवस्था नहीं है तो उसे भोजन भी उपलब्ध कराया जाए। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने धर्मशाला के नवनिर्मित रैन बसेरे का उद्घाटन भी किया। इसके निर्माण पर 1.90 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। मुख्यमंत्री रैन बसेरों से जब बाहर निकले तो वहां खड़े सैकड़ों जरूरतमंदों को भी कंबल व भोजन उपलब्ध कराया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान परिजनों के साथ मौजूद बच्चों को दुलारा और चाकलेट, खिलौना गिफ्ट कर उन्हें आशीर्वाद भी दिया। अलग अलग रैन बसेरों में देवरिया, कुशीनगर, बलिया, गगहा, चौरी चौरा समेत पूर्वांचल के विभिन्न क्षेत्रों से आए नागरिकों के अलावा बिहार से आए लोग भी ठहरे थे। कोई इलाज के मकसद से आया था तो कोई काम की तलाश या फिर किसी अन्य कार्य से गोरखपुर आया था। मुख्यमंत्री ने जब उनसे रैन बसेरों की सुविधा के बारे में पूछा तो सभी का एक ही जवाब था- कोई दिक्कत नहीं है महराज जी। मुख्यमंत्री जब आगे बढ़ते तो पीछे से रैन बसेरों में ठहरने वालों की यह सामान्य प्रतिक्रिया रहती कि- जब बाबा (मुख्यमंत्री) खुद उनकी सुधि ले रहे हैं तो दिक्कत किस बात की होगी। रैन बसेरों का निरीक्षण करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भीषण ठंड और शीतलहर से आम जनमानस के बचाव के लिए राज्य सरकार की तरफ से पहले चरण में 4 लाख लोगों को यूपी में बने कंबल वितरित करने के लिए हर जिले को पर्याप्त धनराशि जारी कर दी गई है। इसके साथ ही प्रशासन को निर्देशित किया गया है कि जरूरतमंद लोगों की सूची बनाकर कंबल वितरण सुनिश्चित कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 56 लाख परिवारों को पक्के आवास उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा चार लाख और लोगों को जल्द ही आवास उपलब्ध करा दिए जाएंगे। इस व्यवस्था के बाद भी जो लोग शहरी क्षेत्र में उपचार करने या किसी अन्य कार्य से आते हैं और उनके पास रात्रि में रुकने के लिए होटल या किराए पर रहने की क्षमता नहीं होती है, उनके लिए शहरी क्षेत्रों में डबल इंजन सरकार की तरफ से स्थानीय निकायों के माध्यम से रैन बसेरों की व्यवस्था की गई है। रैन बसेरों का निरीक्षण करने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिला प्रशासन व नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि गोरखपुर महानगर क्षेत्र में जरूरतमंदों की सेवा और सुविधा के लिए तीन और रैन बसेरों का निर्माण कराएं। मुख्यमंत्री ने सूरजकुंड, बरगदवां और राप्ती नगर में नए रैन बसेरे बनाने के लिए निर्देशित किया है। रैन बसेरों के निरीक्षण के दौरान सांसद रविकिशन, महापौर डा. मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी डा. धर्मेंद्र सिंह, विधायक विपिन सिंह, भाजपा के महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, कालीबाड़ी के महंत रवींद्रदास समेत प्रशासन, पुलिस व नगर निगम के अधिकारी उपस्थित रहे।
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