भुवनेश्वर: मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भुवनेश्वर ने विशेष रूप से आपदाओं के दौरान लोगों तक आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल का मंगलवार को सफल परीक्षण किया।
मीडिया की माने तो, आपातकालीन स्थिति में रक्त परिवहन ड्रोन के माध्यम से किया जाएगा। ड्रोन का उपयोग करके टांगी अस्पताल में रक्त पहुंचाया। एम्स-भुवनेश्वर के कार्यकारी निदेशक डॉ. आशुतोष विस्वास ने कहा, हमने राज्य में पहली बार ड्रोन सेवाओं का सफल परीक्षण किया। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में ड्रोन सेवाओं को जोड़ने के लिए एक आंदोलन शुरू किया। ड्रोन का उपयोग चक्रवात, बाढ़ जैसी आपदाओं और अन्य आपातकालीन समय के दौरान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान कटे इलाकों में रहने वाले लोग ड्रोन के माध्यम से चिकित्सा सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, प्राकृतिक आपदाओं के दौरान ड्रोन आपातकालीन दवाएं, रक्त और चिकित्सा उपकरण ले जाएगा। पहले प्रयोग के दौरान ड्रोन ने 35 मिनट में 70 किलोमीटर की दूरी तय की। ब्लड यूनिट पहुंचाने के बाद यह सीएचसी से ब्लड सैंपल लेकर वापस एम्स आया।अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य संस्थान बाद में बड़े पैमाने पर एक और परीक्षण भी करेगा।
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