मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ऑनलाइन विक्रेताओं ने भारत में 1.58 करोड़ नौकरियों का सृजन किया है। इनमें से 35 लाख नौकरियां महिलाओं को मिली हैं। करीब 17.6 लाख खुदरा उद्यम ई-कामर्स गतिविधियों में हिस्सा ले रहे हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक कार्यक्रम में ‘भारत में रोजगार तथा उपभोक्ता कल्याण पर ई-कामर्स के शुद्ध प्रभाव का आकलन’ नामक रिपोर्ट बुधवार को जारी की। दिल्ली स्थित नीति अनुसंधान संस्थान ‘पहले इंडिया फाउंडेशन’ (पीआइएफ) द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार, ई-कामर्स भारत में रोजगार देने वाला एक प्रमुख क्षेत्र रहा है। औसतन, ऑनलाइन विक्रेता ऑफलाइन विक्रेताओं की तुलना में 54 प्रतिशत अधिक लोगों को रोजगार देते हैं और महिला कर्मचारियों की संख्या करीब दोगुनी है।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया, खुदरा क्षेत्र में ई-कॉमर्स पहुंच के दो सबसे बड़े योगदान रोजगार में वृद्धि और उपभोक्ता कल्याण में सुधार है। भौतिक बाजारों को विस्थापित करने के बजाय, ई-कामर्स छोटे शहरों जैसे नए क्षेत्रों में विस्तार कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘हमारे आंकड़ों से पता चलता है कि बड़े शहरों के उपभोक्ताओं की तुलना में छोटे शहरों के ज्यादा उपभोक्ता ऑनलाइन शापिंग पर प्रतिमाह 5,000 रुपये से अधिक खर्च करते हैं।’ रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक ई-कॉमर्स विक्रेता औसतन करीब नौ लोगों को रोजगार देता है, जिनमें से दो महिलाएं हैं। वहीं प्रत्येक ऑफलाइन विक्रेता करीब छह लोगों को रोजगार देता है, जिनमें से केवल एक महिला है। कार्यक्रम में मौजूद नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि ई-कामर्स ने भारत के खुदरा परिदृश्य में क्रांति ला दी है।
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