मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि धार के कारम बांध के आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट करने कार्य करने वाले नागरिकों और संस्थाओं पर सभी प्रदेशवासियों को गर्व है। टीम मध्यप्रदेश ने वैज्ञानिक आपदा प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह साहस, कर्मठता और समन्वय का ही परिणाम रहा कि जन-हानि नहीं हुई। साथ ही हमने पशु-हानि भी नहीं होने दी। फसलों का जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई राज्य शासन द्वारा की जाएगी। कारम बांध की घटना की जाँच के लिए कमेटी गठित की गई है। जाँच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान मुख्यमंत्री निवास पर धार जिले के कारम बांध के आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने समारोह में कारम डेम के राहत और बचाव कार्य में लगी पोकलेन मशीन के ऑपरेटरों को सम्मान निधि के रूप में दो-दो लाख रूपये के चेक प्रदान किये। उन्होंने समाजसेवियों तथा अशासकीय संस्थाओं को भी सम्मानित किया। जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एवं धार जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, प्रमुख सचिव जल संसाधन श्री एस.एन. मिश्रा तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कारम बांध आपदा के प्रबंधन के संबंध में इंदौर संभाग के आयुक्त श्री पवन शर्मा, कलेक्टर धार श्री पंकज जैन और कलेक्टर खरगोन श्री कुमार पुरुषोत्तम के अनुभव, वर्चुअली सुनें। मुख्यमंत्री निवास आये धामनोद नगर परिषद के अध्यक्ष श्री दिनेश शर्मा, धामनोद के समाजसेवी श्री प्रमोद केड़िया, श्री गौरव जाट, डेम की पाइप का वाल्व खोलने वाले श्री समर सिंह ने भी आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों से संबंधित अपने अनुभव साझा किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वर की कृपा, तकनीकी विशेषज्ञों के मार्गदर्शन और सबके सहयोग से 24 घंटे में बांध का पानी निकाल लिया गया। संतोष की बात यह रही कि पानी गाँव और घरों में नहीं घुसा। कभी-कभी इस तरह की परीक्षा की घड़ी निर्मित होती है। इस कठिन समय में तीनों मंत्री और प्रशासन का पूरा अमला जिम्मेदारी एवं कुशलता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करता रहा। इस सफलता का श्रेय सभी को है।
मुख्यमंत्री ने बांध के पानी की सुरक्षित निकासी के लिए मार्ग बनाने वाले पोकलेन ऑपरेटर, पोकलेन मशीन हेल्पर, ब्रेकर ऑपरेटर आदि को सम्मान निधि के रूप में 2-2 लाख रूपए के चेक प्रदान किए। साथ ही सर्वश्री शिवकुमार कोल, संजय भारती, मोहम्मद सैयद आलम, प्रमोद कुमार, सूरज कुमार कोल, नीतिश कुमार, अमित, जय सिंह, जितेन्द्र दरबार, मोतीलाल, इंदू, गंगाराम, सुनील, श्यामलाल, विजय तथा संतोष ओसारी को माल्यार्पण कर प्रमाण-पत्र और चेक प्रदान किये गये।
मुख्यमंत्री ने राहत कार्य में लगे स्वयंसेवी संगठनों और जन-प्रतिनिधियों को शाल, श्रीफल तथा प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। धार जिले की नगर परिषद धामनोद के अध्यक्ष श्री दिनेश शर्मा, धामनोद के वरिष्ठ समाजसेवी श्री प्रमोद केड़िया, ग्राम पंचायत कोठिदा की सरपंच श्रीमती सेवलाबाई, सरपंच ग्राम पंचायत उतावली श्रीमती राधाबाई, सरपंच ग्राम पंचायत फरसपुरा श्रीमती संतोषबाई, सरपंच ग्राम पंचायत सिरसोदिया श्रीमती ललिता, सरपंच ग्राम पंचायत बलवाड़ा श्रीमती मुन्नीबाई, सरपंच ग्राम पंचायत बैगन्दा श्री राधेश्याम वसुनिया और सरपंच ग्राम पंचायत बलवारी श्री सुरेश को सम्मानित किया गया। ग्राम धामनोद की पाटीदार धर्मशाला, सेवा भारती, सनातन सारथी संस्था, माँ अन्नपूर्णा रोगी सेवा संस्था और भारत विकास परिषद के पदाधिकारियों को भी सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने खरगोन जिले की ग्राम पंचायत जलकोटा की सरपंच श्रीमती गेंदूबाई डाबर, ग्राम पंचायत बड़वी के सरपंच श्री मोहब्बत सिंह, ग्राम पंचायत काकरिया के सरपंच श्री मुकेश, ग्राम पंचायत मक्षी की सरपंच श्रीमती जमुना बाई, ग्राम पंचायत कुसुम्भया की सरपंच श्रीमती संगीता बाई, ग्राम पंचायत बाकानेर की सरपंच श्रीमती सेवंती बाई को भी सम्मानित किया। उत्कृष्ट कार्य के लिए ग्राम पंचायत जलकोटा के श्री महेश, ग्राम पंचायत काकरिया के श्री धीरज, ग्राम पंचायत मोयदा के श्री भारत सिंह, ग्राम पंचायत नयापुरा के श्री महेश, ग्राम पंचायत कुसुम्भया के श्री गणेश और ग्राम पंचायत बाकानेर के श्री अमीचंद को भी सम्मानित किया गया।
जल संसाधन मंत्री श्री तुलसी सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश थे कि कोई जनहानि नहीं होना चाहिए। इस निर्देश के अनुसार ही रणनीति विकसित कर बचाव की समस्त गतिविधियाँ संचालित की गईं। मंत्री श्री सिलावट ने पोकलेन मशीन ऑपरेटरों के साहस और समर्पित भाव से कर्त्तव्य पराणयता की प्रशंसा की।
समारोह में अपने अनुभव साझा करते हुए धामनोद नगर परिषद के अध्यक्ष श्री दिनेश शर्मा ने कहा कि राहत कार्य में धर्मशाला और मैरिज गार्डन वालों ने भी नि:शुल्क सेवा उपलब्ध कराकर सहयोग किया। धामनोद के समाजसेवी श्री प्रमोद केड़िया ने कहा कि सेवा भारती की टीम ने मानव जीवन बचाने के साथ मवेशियों की रक्षा के लिए भी संवेदनशीलता से कार्य किया। डेम के पाईप का वॉल्व खोलने वाले श्री समर सिंह ने बताया कि वॉल्व खोलने में पहले तो डर लग रहा था, पर जब कई गाँवों के लोगों के जीवन का ध्यान आया तो अपनी जान जोखिम में डालकर मैं वॉल्व खोलने के लिए आगे बढ़ा और वॉल्व खोला। ग्रामीणों के लिए भोजन की व्यवस्था करने वाले धामनोद के श्री गौरव जाट ने कहा कि सूचना प्राप्त होते ही हमने एक घंटे में भोजन के 500 पैकेट की व्यवस्था कर ली थी। विशेष बात यह रही कि राखी के लिए धामनोद आयी बहनों ने भी भोजन की व्यवस्था संभाली।
इंदौर संभागायुक्त श्री पवन शर्मा ने कहा कि प्रशासनिक सेवा के दौरान डेम बनवाने के तो बहुत अनुभव थे, परंतु डेम खाली कराने का यह पहला अनुभव था। बांध की क्षति और लगातार हो रही वर्षा से कई तरह के भय मन में थे, परंतु मुख्यमंत्री श्री चौहान के प्रोत्साहन, उनके त्वरित निर्णय और स्पष्ट निर्देश के परिणामस्वरूप भय पर नियंत्रण कर आपदा का सामना किया। कलेक्टर धार श्री पंकज जैन ने कहा कि प्रशासन की संपूर्ण टीम और जन-प्रतिनिधियों के सहयोग से आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों का व्यवस्थित संचालन संभव हो पाया। खरगोन कलेक्टर श्री कुमार पुरूषोत्तम ने कहा कि यह आपदा और राहत प्रबंधन का अद्भुत उदाहरण था।