कार्तिक मास: इसमें सबसे महत्वपूर्ण है दीपदान करना

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DailyAawaz Exclusive Report: सनातन धर्म के अनुसार शास्त्रों ने बताया है कि इस माह में मान्यता है कि दीपदान द्वारा पुण्य प्राप्त करना बेहद ही आसान और सहज होता है, क्योंकि कार्तिक मास में भगवान विष्णु के मंदिर में दीपक जलाना शुभ और फलदायी होता है। इसके साथ ही गंगा स्नान का भी महात्म्य होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस माह में गंगा जी एवं अन्य प्रमुख नदियों में भी दीपदान किया जाता है।

कार्तिक मास के नियम/दीपदान

हरिजागरणं प्रातःस्नानं तुलसिसेवनम् ।
उद्यापनं दीपदानं व्रतान्येतानि कार्तिके ।।

-पद्मपुराण

कार्तिक मास के 5 नियम हैं- रात्रि में भगवान विष्णु के नाम से जागरण करना, प्रातः स्नान करना, तुलसी रोपण/ तुलसी सेवा करना, उद्यापन करना और सबसे महत्वपूर्ण है दीपदान करना।

स्नानं च दीपदानं च तुलसीवनपालनम् ।
भूमिशय्या ब्रह्मचर्य्यं तथा द्विदलवर्जनम् ।।
विष्णुसंकीर्तनं सत्यं पुराणश्रवणं तथा ।
कार्तिक मासि कुर्वंति जीवन्मुक्तास्त एव हि ।।

-स्कन्दपुराण

स्नान, दीपदान, तुलसी के पौधों को लगाना और सींचना, पृथ्वी पर शयन, ब्रह्मचर्य का पालन, भगवान् विष्णु के नामों का संकीर्तन तथा पुराणों का श्रवण – इन सब नियमों का जो कार्तिक मास में पालन करते हैं, वे ही अपना जीवन सफल करते हैं अर्थात मुक्ति पाते हैं।

कार्तिक मास में नित्य 5-5 या 11-11 मिटटी के दीये भगवान और तुलसी माँ के समक्ष लगाना चाहिए।

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