मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ,केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी के अध्यक्ष को चिट्ठी लिखी है। मंत्री ने यूपीएससी की तरफ से सीधी भर्ती (लेटरल एंट्री) से जुड़े विज्ञापन को रद्द करने के लिए कहा है।
जानकारी के मुताबिक, जितेंद्र सिंह ने चिट्ठी में कहा है कि सैद्धांतिक तौर पर सीधी भर्ती की अवधारणा का समर्थन 2005 में गठित प्रशासनिक सुधार आयोग की तरफ से किया गया था, जिसकी अध्यक्षता वीरप्पा मोइली की तरफ से की गई थी। हालांकि, लेटरल एंट्री को लेकर कई हाई-प्रोफाइल मामले सामने आए हैं। संघ लोकसेवा आयोग की प्रमुख प्रीति सुदान को भेजे अपने पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्वजनिक सेवा में आरक्षण के हिमायती हैं। हमारी सरकार सोशल जस्टिस को मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध है। इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि उन वैकेंसी का रिव्यू कर रद्द करें जो 17 अगस्त को यूपीएससी की ओर से जारी किया गया था।
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